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बांड बाजार को बढ़ावा देगा बजट-2020: वित्त मंत्री

फाइनेंशियल रेजिलेंस एंड डेवलपमेंट सत्र को संबोधित किया

भारतीय बांड बाजार को बढ़ावा देने के लिए बजट-2020 में कदम उठाए गए हैं।जिनमें चिन्हित सरकारी सिक्योरिटीज केटेगरीज के लिए पूंजीगत नियंत्रण को समाप्त वापस लेना और बांड बाजार में एफपीआई की सीमा बढ़ाने के निर्णय प्रमुख हैं|ये बातें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 देशों के सम्मेलन में कहीं|वे सऊदी अरब के रियाद में आयोजित वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र कर रही थी|

फाइनेंशियल रेजिलेंस एंड डेवलपमेंट सत्र: 

जी-20 सम्मेलन के दूसरे दिन फाइनेंशियल रेजिलेंस एंड डेवलपमेंट सत्र में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को जी-20 देशों को बताया कि सीतारमण ने भारत के बांड बाजार को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस कदम के बाद निवेशकों का भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ा है|उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट बांड में निवेश के मामले में एफपीआई की सीमा को बढ़ाकर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव है। यह घरेलू बांड को वैश्विक सूचकांकों में शामिल करने और रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। फाइनेंसियल रेजिलेंस एंड डेवलपमेंट सत्र  के दौरान वित्त मंत्री ने g-20 देशों को भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी दी|

बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ने की संभावना:

वित्तमंत्री ने कहा कि बजट-2020 में इन घोषणाओं के बाद भारत के ऋण बाजार में निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। इस अवसर पर उन्होंने जी-20 के साथ इस एजेंडा में सतत साझेदारी की उम्मीद जताई। वित्त मंत्री के अनुसार कॉर्पोरेट  बांड में एफपीआई की सीमा में बढ़ोतरी और एफपीआई द्वारा ब्याज के रूप में अर्जित आय पर कॉरपोरेट कर में रियायत ऐसे कदमों हैं जिनसे बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है।