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नारियल उत्पादक किसानो को सरकार का उपहार, MSP में हुई वृद्दाधि

खोपरे के MSP में वृद्धि करते हुए 9960 रूपए/क्विंटल कर दिया गया है

चौतरफा आर्थिक दबाओं से घिरी सरकार किसानों के हित में निर्णय करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है| कुछ दिन पूर्व जब प्याज की कीमतें बहुत कम हो गई थी तब सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों की मांग को मानते हुए प्याज के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था| इसी क्रम को जारी रखते हुए सरकार ने आज नारियल के खोपरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि करते हुए नारियल उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है| ज्ञात हो कि नारियल के खोपरे का व्यापारिक स्तर पर कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है|

MSP 439 रूपए/क्विंटल से बढ़ा 

भारत सरकार ने साल 2020 के लिए नारियल खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 9521 रूपए/क्विंटल में 439 रूपए की वृद्धि करते हुए 9960 रूपए/क्विंटल कर दिया है| सरकार की इस घोषणा से नारियल का उत्पादन और प्रसंस्करण करने वाले किसानों का बहुत राहत मिलेगी| ज्ञात हो कि नारियल को सुखकर जब गिरी बनाई जाती है तो उसे खोपरा कहते हैं|

CACP की सिफारिशों पर सरकार करती है मूल्य निर्धारण 

विदित हो कि खोपरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में यह वृद्धि सरकार की सलाहकार संस्था CACP (कृषि लागत एवं मूल्य आयोग) की अनुशंसा पर की गई है| CACP खोपरे के MSP तय करने से पूर्व कई पहलुओं का निरीक्षण और अनुसंधान करता है| जैसे खोपरे का उत्पादन में लगने वाला खर्च, देश-विदेश में मांग आदि इसके MSP निर्धारण में बड़ी भूमिका निभाते हैं| इसके अलावे नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) और NCCF (भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ) नारियल के व्यापार संचालन के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी की भूमिका में कार्य करते हैं| इनकी सिफारिशे भी मूल्य निर्धारण में बड़ी भूमिका निभाते हैं|