Arthgyani
होम > न्यूज > अर्थव्यवस्था समाचार > LIC के विनिवेश से 90 हजार करोड़ रूपये: केवी सुब्रमण्यन

LIC के विनिवेश से 90 हजार करोड़ रूपये: केवी सुब्रमण्यन

विनिवेश का लक्ष्य असंभव नहीं

बजट-2020 की प्रमुख घोषणाओं में LIC का भी विनिवेश भी था|विकास कार्यों की गति बढाने के लिए अतिरिक्त पूँजी निर्माण को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम के विनिवेश का फैसला किया था|अब LIC के विनिवेश से जुडा पहला सार्वजनिक बयान दिया है मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमण्यन ने| उन्होंने कहा कि, एलआईसी की 6 से 7 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर सरकार जुटा सकती है 90 हजार करोड़ रुपए|

विनिवेश लक्ष्य प्राप्त करने के प्रश्न पर दिया जवाब:

काबिलेगौर है कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2.1 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है| सरकार की योजना 1.2 लाख करोड़ रुपए आईपीओ, रणनीतिक विनिवेश, बायबैंक, ओपन ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए जुटाए की है। इसके अलावा LIC और IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेचकर करीब 90 हजार करोड़ रुपए जुटाये जायेंगे| चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को 40 फीसदी घटाने के बाद आगामी विनिवेश लक्ष्य की प्राप्ति की संभावना पर भी सवाल उठ रहे हैं| ऐसे ही एक सवाल का जवाब देते हुए सुब्रमण्यन ने उपरोक्त बयान देते हुए कहा कि विनिवेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है|

विनिवेश का लक्ष्य असंभव नहीं:

अपने बयान में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि, विनिवेश के लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है और इसे तय समय में आराम से प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि आधी राशि एयर इंडिया, BPCL और कॉनकोर की बिक्री से ही प्राप्त हो जाएगी।शेष 90 हजार करोड़ रुपए की राशि जीवन बीमा कंपनी LIC का 6 से 7 फीसदी हिस्से बेचने से ही जुट जाएगी। हालांकि सरकार के रणनीतिक विनिवेश की सफलता काफी हद तक बीपीसीएल और एयर इंडिया जैसी कंपनियों के लिए अनुकूल खरीदार मिलने पर निर्भर करेगी|

LIC के IPO में 10 से 12 महीनों का समय:

स्टॉक एक्सचेंज पर LIC की लिस्टिंग को लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है| किंतु इसके लिए एलआईसी एक्ट और अन्य बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी | इस पूरी प्रक्रिया में 10 से 12 महीनों का समय लग सकता है। इसके अलावा शेयर बाजार की सकारात्मक दशा भी IPO की सफलता का एक बड़ा कारण होगी| विदित हो कि कोई भी नया आईपीओ या ओएफएस शेयर बाजार की दशा सही होने पर ही जारी किये जाते हैं|