Arthgyani
होम > टैक्स (कर) > नए टैक्स सिस्टम्स

नए टैक्स सिस्टम्स वित्त वर्ष 2020-21 से लागू – वित्त मंत्री

नए वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स नए और पुराने में किसी एक सिस्टम्स को चुनने के लिए स्वतंत्र।

नए बजट में वित्त मंत्री ने नए टैक्स सिस्टम्स को पेश किया जो कि वित्त वर्ष 2020-21 से लागू होने जा रहा है। कहा गया है कि नए वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स नए और पुराने में किसी एक सिस्टम्स को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। अगर कर दाता नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाना चाहते हैं तो कुछ मुख्य शर्तें व नियम उन्हें अपनाने होंगे।

आइये जाने कुछ मुख्य शर्तें व नियम

  • करदाता जिसकी आय बिजनस से है और वह चाहता है कि नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाए तो फाइनैंस बिल 2020 में साफ-साफ लिखा गया है कि उसे सेक्शन 139(1) के तहत 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर देना चाहिए।
  • अगर करदाता बिलिटेड रिटर्न फाइल करता है तो उसे वर्तमान रेट के हिसाब टैक्स भरना होगा और वह नए टैक्स सिस्टम्स को नहीं अपना सकता है।
  • वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई टैक्सपेयर नया टैक्स सिस्टम्स चुनता है और 31 जुलाई से पहले चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए रिटर्न फाइल करता है तो उसे नए रेट्स के हिसाब से टैक्स भरना होगा।
  • फाइनैंस बिल 2020 के मुताबिक, अगर कोई टैक्सपेयर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 31 जुलाई के बाद बिलिटेड रिटर्न फाइल करता है तो उसे पुराने रेट के हिसाब से टैक्स भरना होगा। अर्थात वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नए टैक्स सिस्टम्स को नहीं अपना सकता है।
  • अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम सैलरी और पेंशन से है और वह नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाना चाहता है तो उसे हर हाल में 31 जुलाई से पहले रिटर्न फाइल कर देना चाहिए।
  • फाइनैंस बिल 2020 में फिलहाल इसको लेकर विशेष जानकारी नहीं है कि सैलरीड इंडिविजुअल अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल करता है तो क्या वह नए वित्त वर्ष (2020-21) में नए टैक्स सिस्टम्स को अपना सकता है या नहीं।
  • पुराने टैक्स सिस्टम्स में उन्हें तमाम छूट का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन टैक्स का रेट ज्यादा है। वहीं नए टैक्स सिस्टम्स में 70 तरह के डिडक्शन और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं मिलेगा।
  • वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 होगी।
  • 31 मार्च के बाद बिलिटेड रिटर्न फाइल किया जाता है और इसके लिए पेनाल्टी जमा करना होगा। 31 दिसंबर 2020 तक पेनाल्टी 5000 और 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी 10 हजार रुपये होगी।