पीएम किसान सम्मान निधि योजना – PM Kisan Samman Nidhi (PM Kisan)
जाने क्या हैं वे कारन जिसकी वजह से बंगाल के किसान इस योजना के लाभ लेने से वंचित रह गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल में आज 2 जनवरी को देश के 6 करोड़ किसानों को एक क्लिक में 12000 करोड़ रुपए का बड़ा तोहफा दिया| यह पैसा पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के दूसरे चरण की पहली किश्त के तहत हर किसान परिवार को 2000-2000 हज़ार रूपए भेजा गया है| कर्नाटक के तुमकुर में आयोजित एक किसान सम्मेलन में पीएम मोदी ने यह तोहफा दिया| पीएम ने यहां स्कीम के 8 करोड़वें लाभार्थी किसान के खाते में भी पैसा जमा किया| यह इस योजना के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है| आइए जानते हैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में पूरी जानकारी|
क्या है किसान सम्मान निधि योजना?
PM Kisan सम्मान निधि में एक किसान परिवार को सालाना 6,000 रुपए सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाता है| इस राशि का भुगतान तीन किस्तों में किया जाता है और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होती है| किसानों को इस योजना का लाभ पिछले साल दिसंबर महीने से ही दिया जा रहा है| मगर किसान जब इस योजना से जुड़ते हैं और इसके तहत अपना पंजीकरण करवाते हैं, उसके बाद ही इस योजना का लाभ मिल सकता है| ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसान अब तक तीन किस्तों यानी 6,000 रुपये का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं| केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर तक करीब 9.2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह किया हुआ है| उत्तर प्रदेश में से सबसे ज्यादा कुल 2.4 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह करने में सरकार सफल रही| गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में इस डायरेक्ट-बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम की घोषणा की थी|
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शर्तें
- कोई सांसद, विधायक, मंत्री और मेयर इस धन लाभ का नहीं प्राप्त कर सकते, भले ही वो किसानी भी करते हों|
- केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं मिलेगा|
- पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टेड एकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट आदि जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा|
- पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस साल इस लाभ से वंचित होंगे|
- केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ लेने की छूट है, अगर वे किसानी करते हैं तो|
पश्चिम बंगाल के किसान क्यों रहे वंचित?
PM Kisan समान निधि के लाभार्थी किसानों को दिसंबर महीने में मिलने वाली 2,000 रुपयों की किस्त नहीं मिली है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ देशभर के किसान उठा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान इस लाभ से वंचित हैं| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस योजना पर आपत्ति के कारण पश्चिम बंगाल में यह योजना अब तक लागू नहीं हो पाई है|
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के विरोध के बाद केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल पर किसानों को खुद ऑनलाइन पंजीयन करने का विकल्प देने के बाद पश्चिम बंगाल के 45,000 किसानों ने इस पर अपना पंजीयन करवा लिया है| मगर दुविधा यह है कि पंजीकृत किसानों को PM किसान सम्मान निधि का लाभ तभी मिल पाएगा, जब पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इनके पात्र लाभार्थी होने का सत्यापन किया जाएगा| केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव व पीएम किसान के CEO विवेक अग्रवाल बताते हैं कि पीएम-किसान सम्मान निधि पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के विवरण राज्य सरकारों के पास भेजे जाते हैं, जहां से आधार व भू-राजस्व के रिकॉर्ड की जांच के बाद उनकी पात्रता की जांच की जाती है| जांच की इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही पात्र किसानों के खाते में पीएम-किसान योजना की राशि का हस्तांतरण किया जाता है| ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम-किसान का फायदा तभी मिल पाएगा, जब राज्य सरकार उनकी पात्रता का सत्यापन करेगी|
PM Kisan Samman Nidhi Yojana की वर्तमान स्थिति
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्कीम के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है| इसके बाद यह तय हो गया है कि फिलहाल खेती के लिए नगद पैसा मिलता रहेगा| जबकि इसके लिए बजट की औपचारिक घोषणा आम बजट में हो सकती है|
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत पहले चरण में 87 हजार करोड़ का बजट था| लेकिन पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने इस स्कीम का लाभ नहीं लिया है, इसलिए इसका बजट घटाकर 55,000 करोड़ किया जा सकता है|
- पीएम किसान योजना के तहत हर किसान परिवार को सालाना 6000 रुपए मिलते हैं| फिलहाल सरकार का इस राशि को बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है| ज्ञात हो कि देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं|
केंद्र सरकार द्वारा कृषि और किसान को सम्मान देने के लिए प्रारंभ की गई यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है, क्योंकि जिस देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी गांवों में निवास करती हो और उनका मुख्य व्यवसाय कृषि हो, उस देश में कृषि को बढ़ावा देने वाले ऐसे प्रयास होने ही चाहिए| इससे कृषकों का न सिर्फ अच्छा जीवन यापन होगा बल्कि साथ ही शहरों की तरफ पलायन में भी कमी आएगी|