प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर के खिलाफ किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस
सत्रह साल पहले राणा कपूर ने अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर YES बैंक किया था प्रारंभ
एक समय था जब बहुतों उधोगपतियों को जब कहीं से लोन नहीं मिलता था, तब वे YES बैंक का दरवाज़ा खटखटाते थे और उन्हें लोन मिल जाता था| आज एक समय है कि यस बैंक तमाम निवेशकों के यहां दरख्वास्त लगा कर हार गया और उसे कहीं से भी फंडिंग प्राप्त नहीं हुई|
ED ऑफिस में पूछताछ जारी
अंततः हुआ हुआ यह कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने यस बैंक के प्रबंधन पर कब्ज़ा कर लिया है और अब ताज़ा खबर यह आ रही है कि यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर के ही खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करके प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें अपने कार्यालय में तलब किया है और उनसे पूछताछ जारी है|
इन सवालों के जवाब तलब किए जाएंगे
ध्यान देने वाली बात यह है कि डेढ़ साल पहले ही राणा कपूर को यस बैंक के निदेशक पद से हटा दिया गया था| तो क्या उसके बाद भी वे बैंक के मैनेजमेंट में हस्तक्षेप देते थे? क्या यस बैंक को इस दयनीय स्थिति में पहुचने के लिए राणा कपूर का भी योगदान है? क्या उन्होंने 124 करोड़ का बंगला खरीदने के लिए बैंक से किसी डूबते उद्योगपति को लोन दिला कर मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से कोई घोटाला किया है?
कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए राहत
इन सारे सवालों के जवाब प्रवर्तन निदेशालय राणा कपूर से जानने का प्रयास करेगी| अब YES बैंक के डूबने में राणा कपूर की क्या भूमिका है यह तो ED के पूछताछ के बाद ही ज्ञात हो पाएगा, मगर YES बैंक के कर्मचारीयों और ग्राहकों के लिए एक राहत भरी खबर भी है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल आश्वाशन दिया है कि बैंक कर्मियों के अगले एक वर्षों की सैलरी उन्हें प्राप्त होते रहेगी और ग्राहकों का बैंक में जमा धन भी पुर्णतः सुरक्षित है और 50 हज़ार के निकासी की सीमा सिर्फ एक महीने के लिए लगाई गई है|