Arthgyani
होम > न्यूज > बजट-2020 : LIC के विनिवेश का देशव्यापी विरोध

बजट-2020 : LIC के विनिवेश का देशव्यापी विरोध

LIC में हिस्सेदारी कम करने के लिए IPO लायेगी सरकार

शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए वित्तमंत्री ने LIC को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने की घोषणा की थी|वित्त मंत्री के अनुसार,सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए कम करेगी|सरकार अगले वित्त वर्ष के आरंभ में अप्रैल में एलआईसी को सूचीबद्ध करेगी।

2018-19 में LIC का सरप्लस 532.14 अरब रुपये

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की बजट-2020 के सत्र में हिस्सेदारी घटाने की घोषणा के बाद LIC में विनिवेश की शुरुआत हो जायेगी|निवेशकों के लिए यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) हो सकता है। सरकार का एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने का यह फैसला सरकार का राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।आईएनएस के अनुसार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाने की उम्मीद नहीं है। कंपनी को सूचीबद्ध करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसका बड़ा निवेश रियल स्टेट, आर्ट व इक्विटी मार्केट में है, जिसके मूल्य निर्धारण में समय लग सकता है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC  सरप्लस 2018-19 में 9.9 फीसदी बढ़कर 532.14 अरब रुपये हो गया।

LIC के विनिवेश का विरोध:

एलआईसी के आंशिक विनिवेश के प्रस्ताव को राष्ट्रहित के खिलाफ बताते हुए LIC के विभिन्न कर्मचारी संगठन इस फैसले के विरोध में हैं |कर्मचारियों के अनुसार LIC इस समय पूंजी के मामले में भारत की सबसे बड़ी वित्तीय कंपनी है, जो भारतीय स्टेट बैंक को भी पीछे छोड़ चुकी है।ऑल इंडिया इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन (एआईआईईए) ने भी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि पहले तीन या चार फरवरी को एक घंटे की हड़ताल की जाएगी। कर्मचारी संगठन के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है|मजदूर संघ ने विनिवेश के इस कदम को अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताते हुए कहा कि, देश की संपत्ति को बेचकर राजस्व जुटाने का तरीका खराब अर्थशास्त्र का उदाहरण है|भारतीय जीवन बीमा निगम देश के मध्यम और गरीब वर्ग की बचत को सुरक्षित रखने वाला उपक्रम है|