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‘विवाद से विश्वास’ विधेयक में बदलाव के लिए आज है समीक्षा बैठक

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 में बदलाव करने को मंजूरी दी है

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 में बदलाव करने को मंजूरी दी है| इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन मुकदमों को शामिल करना है जो विभिन्न कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) में लंबित हैं|

आज है समीक्षा बैठक 

इसी संदर्भ में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की आज बृहस्पतिवार (13 फरवरी) को समीक्षा करेगा| बजट में आयकर विभाग और करदाताओं के बीच विवादित कर मामलों के निपटान के लिए बजट में प्रस्तावित योजना की घोषणा के तहत यह समीक्षा की जा रही है|

अधिकारियों ने कहा कि वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए प्रभारी CBDT सदस्य सभी क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे| उसने कहा कि बातचीत के एजेंडे में उच्च न्यायालयों और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (ITAT) में लंबित मामलों की समीक्षा शामिल हैं| यह पहल विवाद से विश्वास योजना के तहत की जा रही है|

बजट 2020-21 में की गई थी घोषणा 

ज्ञात हो कि प्रत्यक्ष कर से जुड़े कानूनी विवादों में कमी लाने के इरादे से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश बजट 2020-21 में प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ की घोषणा की थी| इसमें आयुक्त (अपील) स्तर पर, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (ITAT), उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में लंबित कर विवादों को शामिल करने का प्रस्ताव है| योजना के तहत करदाताओं को विवादित लंबित कर के भुगतान का अवसर दिया गया है|

समयसीमा के बाद करना होगा 10% अतिरिक्त विवादित टैक्स का भुगतान 

योजना के तहत 31 मार्च 2020 से पहले बकाए कर का भुगतान करने वाले करदाताओं को ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट मिलेगी| इसके बाद योजना के तहत भुगतान करने पर बकाया कर देनदारी के साथ 10 प्रतिशत अतिरिक्त विवादित कर का भुगतान करना होगा|

पीटीआई के एक रिपोर्ट के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में किए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि DRT में लंबित मामलों को भी अब इसमें शामिल करने का निर्णय किया गया है| उन्होंने कहा कि विभिन्न प्राधिकरणों और न्यायालयों में 9 लाख करेाड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर मामले लंबित हैं|