Rupee Cost Averaging – रूपी कॉस्ट एवरेजिंग
यह एक प्रकार की स्कीम है जिसमे निवेशक को नियमित अन्तराल पर पैसे भरने होते है जिसमे अगर शेयर्स की प्राइस ज्यादा है तो निवेशक कम स्टॉक्स लेगा और अगर शेयर्स की प्राइस कम है तो वह ज्यादा शेयर्स ख़रीदेगा|
वैल्यू कॉस्ट एवरेजिंग एक मार्किट स्ट्राटेजी है जो डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग की तरह काम करती है जिसमे निवेशक को हर महीने मार्किट के हिसाब से पैसे इन्वेस्ट करने होते है|
कॉस्ट एवरेजिंग का मतलब होता है कि निवेशक को हर महीने अपनी पगार में से कुछ हिस्सा निवेश करना होता है जो की उसके बुढ़ापे में उसकी आय होती है जिसे डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग भी कहा जाता है|