इन सरकारी कंपनियों को मिल सकती बजट-2020 से सौगात
इन कंपनियों को 10 से 12 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूँजी की जरूरत है
बजट-2020 पर हर वर्ग एवं सेक्टर की निगाहें लगी हैं|वैश्विक मंदी और आर्थिक सुस्ती से बेहाल हर उद्योग की आशाएं आगामी बजट से जुड़ी हुई हैं|केंद्रीय बजट में विशेष रूप से वित्तीय निवेश की आस विभिन्न उद्योगों को है|हालांकि इनमे वरीयता का चयन केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी|किंतु बजट पूर्व परामर्श बैठक की ऐतिहासिक पहल के बाद हर सेक्टर की उम्मीदें बजट-2020 से जुड़ गयी हैं|
सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों को मिल सकती है राहत:
बजट-2020 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों में वित्तीय निवेश की घोषणा कर सकती है। इन कंपनियों की खस्ताहाल वित्तीय दशा को देखते हुए यह घोषणा संभावित है|समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार तीनों सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस, ओरियंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस निर्धारित सॉल्वेंस मार्जिन के लिए 10 हजार से 12 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूँजी की जरूरत है। इस राशि की पूर्ति के लिए मोदी सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में घोषणा कर सकती है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में तीनों सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों को 2500 करोड़ रुपए का वित्तीय सहयोग दिया था।विदित हो कि बजट-2020 1 फरवरी को पेश किया जाएगा|
प्रस्तावित है विलय:
बता दें कि इन तीनों सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों का विलय प्रस्तावित है|ये विलय प्रस्ताव बजट 2018-19 में पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली ने प्रस्तुत किया था|इस प्रस्ताव में तीनों कम्पनीयों के विलय के बाद एक नयी कंपनी बनाने की बात कही गयी थी|किंतु विभिन्न कारणों से ये विलय प्रस्ताव अब तक पूरा नही हो सका| इन कारणों में कंपनियों की खस्ताहाल आर्थिक दशा भी एक प्रमुख कारण थी|वित्तीय निवेश के बाद इन कम्पनियों की हालत में सुधार के बाद विलय की प्रक्रिया भी सरलता से पूरी होगी|विलय के बाद बनने संयुक्त कंपनी को बाजार में लिस्ट किया जाएगा।अनुमान के अनुसार ये नई संयुक्त कंपनी भारत की सबसे बड़ी सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनी बन जाएगी|जिसकी वैल्यू 1.2 से 1.5 लाख करोड़ रुपए की होगी।आगामी बजट-2020 पर इन तीनों कंपनियों में कार्यरत 40 हजार से अधिक कर्मचारियों की निगाहें लगी हुई हैं|