कर्मचारियों के जॉब सुरक्षा के लिए PM ने व्यापारिक समूहों से की बात
20 मार्च को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भी एम्प्लोयर्स से की थी अपील
KOVID-19 के प्रभाव क्षेत्र बढ़ने की आशंका के मद्देनज़र देश के विभिन्न भागों में नाकेबंदी और कर्फ्यू लगा दिया है| इससे कामकाजी वर्ग अपने कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं| सरकार द्वार उठाए गए इस एहतियातन कदम से लोगों की रोजी-रोटी, नौकरी खतरे में पड़ गई है| कई लोग खतरा उठाते हुए जॉब पर जा रहे हैं| लोगों के नौकरी और रोजगार छीन जाने के इसी डर को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल देश के बड़े उद्योग समूहों से विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बातचीत की| ज्ञात हो कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस ( KOVID-19 ) इटली, स्पेन सहित विश्व के लगभग सभी देशों तक अपनी पहुंच बना चूका है| इसने भारत में भी दस्तक दी है और अभी तक पांच सौ से ज्यादा लोगों को अपने चपेट में ले चूका है|
PM ने फिक्की, CII समेत कई समूहों से की बात
प्रधानमंत्री ने विडिओ कांफ्रेसिंग के अपने बातचीत में फिक्की, CII सहित देश भर में फैले 20 शहरों के स्थानीय चैंबरों के साथ अपने विचार साझा किए| इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी उद्योग समूहों से अपील की है कि कोरोना वायरस के वजह से जो देश की वर्तमान स्थिति है उसमें वह अपने कर्मचारियों का साथ दें और जहां तक संभव हो वहां तक कर्मचारियों से ‘वर्क फ्रॉम होम’ काम लें| इसके अलावे किसी भी कर्मचारी को नौकरी से न निकालें, न ही उनके सैलरी में कोई कटौती करें|
उद्योगपतियों के दान को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी का दर्जा
प्रधानमंत्री ने उद्योग समूहों से कहा है कि वे यह सुनश्चित करें कि उनके कार्यस्थलों में साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए| अभी ज्यादा से ज्यादा मानवतावादी दृष्टिकोण बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि इस विपरीत परिस्थिति में सभी सुरक्षित रह सकें| इसके साथ ही सरकार ने KOVID-19 से बचाव के लिए उद्योगपतियों द्वारा किए गए दान को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत रखने का ऐलान किया है|
प्रधानमंत्री ने विडियो कॉन्फ्रेंस से संवाद के तहत विभिन्न व्यापार समूहों से अपील की है कि वे कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए तमाम प्रयास करें, ताकि जरुरत की चीजों के मूल्य में ज्यादा वृद्धि न हो| ज्ञात हो कि 20 मार्च को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भी एम्प्लोयर्स से जॉब सुरक्षा के लिए अपील की थी|