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पेटीएम ने यस बैंक की हिस्सेदारी खरीदने से किया इनकार

यस बैंक बोर्ड फंड जुटाने की कोशिश मे

डिजिटल भुगतान सुविधा देने वाली कंपनी पेटीएम की यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर से यस बैंक की हिस्सेदारी खरीदने की बातचीत चल रही थी। उन्होंने बताया कि सौदे की रुपरेखा भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति पर निर्भर करेगी। पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के पास पहले से पेटीएम पेमेंट्स बैंक में हिस्सेदारी है।

पहले भी खबर आई थी कि पेटीएम इस बैंक को खरीद सकता है, परंतु ताज़ा ख़बरों के अनुसार पेटीएम ने कहा कि वह यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा नहीं रखती है। पेटीएम ने इस मसले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है।ईटी नाउ ने समाचार एजेंसियों के हवाले से खबर दी कि पेटीएम नियामक से स्मॉल फाइनेंस बैंक के लाइसेंस पाने की कवायद में जुटी है।कपूर और उनकी सहयोगी कंपनियों की यस बैंक में 9.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस मसले पर कपूर की प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका। 

यस बैंक बोर्ड फंड जुटाने की जुगत मे

यस बैंक बोर्ड फंड जुटाने के लिए शुक्रवार को बैठक करने वाला है।  इस खबर के सामने आने के बाद इस बैंक के शेयरों ने 5 फीसदी तक की छलांग लगाई है। बैंक का बोर्ड इक्विटी शेयर, डिपोजिटरी रीसीट, कन्वर्टिबल बॉन्ड या डिबेंचर्स के जरिए पैसा जुटाने के तमाम संभावित विकल्पों पर गौर कर रहा है। इससे पहले भी यस बैंक में कनाडा के अरबपति कारोबारी एर्विन सिंह ब्राइच और हांगकांग की एसपीजीपी होल्डिंग्स जैसे नामी निवेशक हिस्सेदारी खरीदने की मंशा जाहिर कर चुका है।  ब्राइच और एसपीजीपी ग्रुप इस बैंक में $1.2 अरब (8,600 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी खरीद सकते हैं।

बैंक लगातार यह कहता रहा है कि वह संभावित निवेशकों के साथ संपर्क में है और इस बाबत जल्दी ही फैसला लेकर पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। बैंक ने पहले फंड जुटाने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर की रखी थी, जिसे बाद में जनवरी अंत तक बढ़ा दिया गया था।

केयर रेटिंग्स ने हाल ही में यस बैंक के 21,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड की रेटिंग घटाई थी। रेटिंग ऐजेंसी ने कहा कि बैंक पैसा जुटाने में ज्यादा देर कर रहा है। पिछले सप्ताह भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) ने यस बैंक मिडकैप श्रेणी में रखा था। इस शेयर को हाल ही में सेंसेक्स के 30 शेयरों की सूची से बाहर कर दिया गया था। ब्रोकरेज फर्म एडलवाइज का कहना है कि आने वाले निफ्टी 50 शेयरों के रिव्यू में इसे निफ्टी 50 इंडेक्स से भी बेदखल कर दिया जाएगा।