15,000 बैंक शाखएं खोलने का सरकार का निर्देश
खुलेंगी नई बैंक शाखा ग्रामीण इलाको मे
केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार बहुत सी आबादी के क्षेत्र को बैंकों की सुविधा प्रदान करना चाहती है। सरकार ने इसके लिए एक सूची तैयार की है कि कहाँ कहाँ बैंकों की ज़ुरूरत है। वो सूची तैयार कर के बैंकों के पास भेजी हैं ताकि बैंक वहां पर अपनी शाखा डाल सकें। सरकार ने सूची सरकारी और निजी दोनों बैंकों के पास भेजी है।
इस सूची में शामिल भारतीय स्टेट बैंक , बैंक ऑफ़ बड़ोदा, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक आदि को सरकार की तरफ से आने वाले साल में 14,000 से 15,000 शाखाएं खोलने का दिशा-निर्देश दिया गया है।इस बैठक में शामिल होने वाले एक बैंकर ने बताया कि यह आदेश वित्त मंत्रालय की तरफ से लिया गया है कि जिस गांव में कोई बैंक नहीं है, उसके 15 किलोमीटर के दायरे में बैंक सुविधा मुहैया करवाई जायेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा बताई गई जगहों पर ही बैंक शाखा खोली जाएं।
सरकारी और निजी कितनी खुलेंगी शाखाएं
भारतीय स्टेट बैंक 1,500 शाखएं खोलने जा रह है, वहीं निजी बैंकों को भी 600 से 700 शाखएं खोलने के लिए बोला गया है। सरकार चाहती है निजी बैंक भी ऐसे गाँव और पंचायतों मे अपनी शाखा डालें जहाँ आस पास कोई और शाखा नहीं है। जिस से लोगों को बैंकों की सुविधा आसानी से मिल सके।
अगर हम पिछले साल की बात करें तो यानी मार्च 2019 तक की तो भारत मे 1,20,000 बैंक शाखा थी। देश मे करीब 2 लाख से ज्यादा एटीएम थे। अगर हम ग्रामीण इलाको की बात करें तो सिर्फ 35,649 शाखाएं ग्रामीण भारत में थीं।
शहर मे बैंक से जल्दी आता है मुनाफा
बैंकों के लिए मैट्रो शहर में बैंक शाखा खोलने से ये भी फायदा है मेट्रो शहरों से बैंक को मुनाफा 2 साल के अन्दर ही आना शुरू हो जता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों मे इसका बिलकुल विपरीत है गावं के इलाकों से बैंकों को मुनाफा कमाने मे बहुत लम्बा समय लगता है। ग्रामीण इलाको मे बैंकों को अपने प्रावधान बदलने होंगे। ग्रामीण इलाकों मे अभी तक लोग पैसे अमीर लोगों से ही लेते हैं। बैंकों को क़र्ज़ देने की प्रक्रिया आसन करनी होगी तथा ब्याज दर को भी कम करना होगा।