कर्ज पर करीबी नजर रखें बैंक : डिप्टी गवर्नर
गैर- निष्पादित राशि से बढ़ी चिंता
“मुद्रा योजना पर हमारी नजर है|इस योजना से जहां एक तरफ देश के कई लाभार्थियों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में बड़ी मदद हो रही है वहीं इसमें कई कर्जदारों के बीच गैर- निष्पादित राशि(NPA) के बढ़ते स्तर को लेकर कुछ चिंता भी है|”ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने मंगलवार को कहीं|वे भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के सूक्ष्म वित्त पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे|
कर्ज पर करीबी नजर रखें:
मुद्रा ऋण योजना में कर्ज वसूली की बढ़ती समस्या को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने बैंकों से कहा कि वह इस योजना के तहत दिये जाने वाले कर्ज पर करीबी नजर रखें| जैन ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वह इस तरह के कर्ज देते समय दस्तावेजों की जांच-परख के स्तर पर कर्ज किस्त के भुगतान की क्षमता पर भी गौर करें और इस तरह के कर्ज का उनकी पूरी अवधि तक करीब से निगरानी करें|
क्या है मुद्रा योजना?
मुद्रा योजना छोटे कारोबारियों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिये शुरू की थी|प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में मुद्रा कर्ज योजना की शुरुआत की थी|यह योजना सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को जरूरी वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये शुरू हुई थी|प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोगों को अपना उद्यम (कारोबार) शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है|केंद्र सरकार की मुद्रा योजना के दो उद्देश्य हैं|जिनमें पहला, स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना| दूसरा, छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार का सृजन करना|सरकार की सोच यह है कि आसानी से लोन मिलने पर बड़े पैमाने पर लोग स्वरोजगार के लिए प्रेरित होंगे,तथा इससे बड़ी संख्या में रोजगार के मौके भी बनेंगे|इस योजना से पहले तक छोटे उद्यम के लिए बैंक से लोन लेने में काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं|लोन लेने के लिए गारंटी भी देनी पड़ती थी|इस वजह से कई लोग उद्यम तो शुरू करना चाहते थे, लेकिन बैंक से लोन लेने से कतराते थे|
क्यों है ख़ास?
मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन लेने वाले चार लोगों में से तीन महिलाएं हैं|प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है|मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है| इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है| मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है| लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है|कोई भी व्यक्ति जो अपना कारोबार शुरू करना चाहता है, वह मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए आवेदन कर सकता है|