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भारतीय रेल जल्द ही किराये की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है

एक बार फिर आम जनता की मुश्किलें बढ़ रही हैं

एक बार फिर आम जनता की मुश्किलें बढ़ रही हैं कारण भारतीय रेल अपना किराया बढ़ाने जा रही है। भारतीय रेल का सफर  दिनों दिन एक सोचनीय विषय बनता जा रहा है। अभी कुछ दिनों पहले ही यात्रा के दौरान ट्रेन में मिलने वाले चाय नाश्ते और खाने का रेट बढ़ाया गया था और अब फिर एक और झटका यात्रियों के लिए है। भारतीय रेल जल्द ही किराये की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय से भी इसको मंजूरी मिल गयी है।

गौरतलब है कि भारत की जनता आज भी दूर की यात्रा के लिए या दैनिक रूप से एक शहर से दूसरे शहर नौकरी या व्यापार के सिलसिले में यात्रा करने के लिए भारतीय रेल को ही चुनते हैं। ऐसे में रेल के किराये में वृद्धि उनके व्यक्तिगत बजट को खासा प्रभावित कर सकता है। किराये की बढ़ोतरी को लेकर सरकार एक पालिसी बनाने जा रही है जो इस महीने के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है।

भारतीय रेल

  1. एक बार फिर बढ़ने जा रहा है रेल किराया।
  2. प्रधान मंत्री कार्यालय से मिल गयी है मंजूरी।
  3. रेल किराए में बढ़ोतरी को लेकर एक पॉलिसी बना रही है।
  4. भारतीय रेल इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
  5. रेलवे ने कहा, तेज सड़क परिवहन इसका प्रमुख कारण।
  6. कम मूल्य में हवाई यात्रा के ऑप्शन की उपलब्धता भी इसके लिए जिम्मेदार।
  7. भारतीय रेल गैरजरुरी खर्चों में भी कटौती करेगा।

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे किराए में बढ़ोतरी को लेकर एक पॉलिसी बना रही है। पीएमओ की मंजूरी मिलने के बाद इस महीने के अंत तक यह पॉलिसी तैयार होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस पॉलिसी में रेल किराए में बढ़ोतरी की घोषणा भी हो सकती है। साथ ही रेलवे किराया बढ़ोतरी की आवश्यकता को लेकर एक जागरुकता कार्यक्रम भी चलाएगा।

बताया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण भारतीय रेलवे इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। साथ ही रेलवे अपने लक्ष्य के अनुसार फ्रेट रेवेन्यू जुटाने में कामयाब नहीं हो सकी है। तेज सड़क परिवहन इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है। रेलवे को रेवेन्यू संकट का सामना करने के पीछे इसके लिए रेलवे एयरलाइन्स की ओर से दिए जा रहे ऑफर्स को भी जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि इससे यात्री लेवल पर भी कमी आयी है। कम मूल्य में हवाई यात्रा के ऑप्शन उपलब्ध होने के कारण यात्री रेलवे के बजाय एयरलाइन्स की ओर रुख कर रहे हैं। इन सारी बातों के मद्देनज़र और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारतीय रेल गैरजरुरी खर्चों में भी कटौती करने की सोच रहा है।