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शेयर बाज़ार के गिरते हालात में निवेशको को सलाह

Corona India Update - मौजूदा स्थिति में निवेशक क्या करें।

शेयर कोरोना संकट के कारण शेयर बाजार के लिए काफी भयानक स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। पिछले महीने निफ्टी में 30% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है, जो अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। VEX  यानी अस्थिरता सूचकांक नवंबर 2008 के ग्लोबल फाइनैंशल क्राइसिस के हाई लेवल को पार कर गया है। लेकिन निवेशक ऐसे में क्या निर्णय लें इसको समझने की ज़रूरत है।

प्रथम –  मौजूदा संकट का आकलन 

वर्तमान में मौजूदा संकट के आकलन की ज़रूरत है। कोरोना को अगर हम आधार बनाकर नुकसान का आकलन करें तो यह सामने आता है कि, यह एक समस्या है न कि कोई घटना। मौजूदा संकट  एक तेजी से बदल जाने वाली परिस्थिति है। यह मांग के साथ सप्लाई को भी प्रभावित करेगी और इसके विस्तार और अवधि कितनी होगी यह कह पाना मुश्किल है। हम केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा समन्वित मौद्रिक और राजकोषीय कार्रवाई शुरू होते देख रहे हैं। हालांकि भारतीय बाजारों ने अभी तक इन उपायों की परवाह नहीं की है, लेकिन नीति निर्माता इस माहौल को स्थिर करने के लिए हर संभव हर कदम उठाने के मूड में हैं।

द्वितीये – इस संकट में दो सार्थक तथ्य 

यूं तो कोरोना की भयावह घडी में सारी ही परिस्थिति नकारात्मक है। परन्तु इससे पैदा हुई दो बातें शेयर बाज़ार के लिए सार्थक है जिन पर ध्यान स्वाभाविक तौर पर नहीं जा पा रहा।
सबसे पहले, तेल की कीमतें बहुत गिर गई हैं। यह भारत के लिए बेहद अच्छा है। यह करंट अकाउंट, फिस्कल बैलेंस, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के लिए भी अच्छा है। सरकार को वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए लक्षित खर्च करने हेतु बहुत जरूरी उधार लेने की सुविधा देता है। दूसरी बात, शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के चलते मूल्यांकन आकर्षक हो रहे हैं। कुल मिलाकर लंबे अरसे से लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग औसत के मामले में एक प्रीमियम पर कारोबार करता चला आ रहा निफ्टी कमाई के पूर्वानुमान में संभावित कटौती के कैलकुलेशन के बाद भी काफी डिस्काउंट पर उपलब्ध है।

तीसरा – निवेश की सलाह 

  • इक्विटी से बाहर निकलने-रिडीम करने का यह सबसे बुरा समय है।
  • दहशत में आकर बाहर निकलने से अब यह मध्यम अवधि के दृष्टिकोण से गलत निर्णय साबित हो सकता है।
  • अपने निवेश योग्य सरप्लस को एक ही बार में निवेश कर देना भी जोखिम भरा कदम हो सकता है।
  • कीमतें हद से ज्यादा निचले स्तर तक जा चुकी हैं, इसलिए तर्कसंगत यही है कि मौजूदा कीमतों का फायदा उठाकर निवेश किया जा सकता है।