कोरोना के कारण हो सकता है हवाईअड्डों को अरबों का नुकसान
हवाईअड्डों की 3 अरब डॉलर की आय में फर्क पड़ेगा।
कोरोना का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है। कोरोना के डर से पूरी दुनिया सहमी हुई है। कोरोना के डर से कई कारखाने बंद होने की कगार पर हैं। शेयर बाजार सुस्त हो गया है। व्यापारियों ने निवेश कम कर दिया है बाजारों में, अगर इसी तरह कोरोना वायरस लम्बा चल गया तो इसका वश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।
कोरोना के कारण हवाई यात्राओं पर असर पड़ रहा है। विदेशों के टूर कम हो रहे हैं। लोग टिकेट रद्द करवा रहे हैं। अगर जल्दी कोरोना का इलाज नहीं निकाला तो इसका असर एशिया प्रशांत के हवाईअड्डों पर पड़ेगा। हवाईअड्डों की 3 अरब डॉलर की आय में फर्क पड़ेगा। 3 अरब डॉलर की इनकम कम हो जायेगी।
हवाईअड्डों के वश्विक संगठन काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) इकाई ने क्षेत्र की सरकारों और विमानन नियामकों से अनुरोध किया है की वो स्थानीय परीस्थितियों के अनुसार सोच समझकर चलें इस परेशानी से निपटने के लिए अपने आप को तैयार रखें।
पर्यटकों की संख्या में आई 24 प्रतिशत की कमी
कोरोना का सबसे ज्यादा असर एशिया प्रशांत क्षेत्र पर ज्यादा पड़ेगा। एशिया प्रशांत क्षेत्र में विमान यात्रियों की संख्या में कमी आई है। नये साल की पहली तिमाही में यात्रियों की संख्या में 24 प्रतिशत की कमी आई है। इस से पहले अंदाज़ा था की 2020 की पहली तिमाही में 12.4 अरब डॉलर की आय का अंदाजा लगाया गया था।
एसीआई की रिपोर्ट के अनुसार इसी तरह कोरोना वायरस और लम्बा चल गया तो 3 अरब डॉलर का नुकसान हो जाएगा। जो कि बहुत बुरी स्थिति के संकेत हैं। इन सब में सबसे ज्यादा नुकसान चीन,हांगकांग,दक्षिण कोरिया के हवाईअड्डों को होगा। अब की बार बहुत कम यात्री विदेश यात्रा के लिए जायेंगे। एसीआई हवाईअड्डों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इस संगठन में 176 देशों की 668 सदस्य कंपनिया है जो 1,979 हवाईअड्डों का परिचालन करती हैं।