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अब विदेशों में पढाई हुई महंगी

केंद्र सरकार ने बजट-2020 में किया ये संशोधन

बजट-2020 के बाद देश में बहुत से ऐसे परिवर्तन हुए है जो आपके जीवन पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं|अगर आप की विदेशों में शिक्षा संबंधित कोई योजना है तो ये खबर आपके लिए जरूरी है|1 अप्रैल 2020 के बाद  विदेशों में शिक्षा हो जायेगी महंगी| नये संशोधन के बाद अगर कोई  विदेशी करेंसी एक्सचेंज कराता है तो उसे 7 लाख रुपये से अधिक की रकम पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) देना होगा|

केंद्र सरकार ने बजट-2020 में किया ये संशोधन: 

काबिलेगोर है कि केंद्र सरकार ने बजट-2020 में सेक्शन 206C में संशोधन कर विदेशी टूर पैकेज और फंड पर TCS लगाने का प्रस्ताव दिया है|इस संशोध के बाद विदेश भ्रमण, शिक्षा,तोहफे या अन्य तरह का खर्च करता है तो इस तरह का ट्रांजैक्शन आरबीआई के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत रेग्युलेट होगा| इसके तहत उच्चतम सीमा एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख डॉलर तय की गई है| 70 रुपये के एक्सचेंज ​रेट के हिसाब से यह रकम करीब 1.75 करोड़ रुपये होती है|

7 लाख रुपये से अधिक भेजने पर 5%TCS:

नवीनतम संशोधन के बाद इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 206C के तहत अगर कोई अधिकृत डीलर एक वित्तीय वर्ष में 7 लाख रुपये से अधिक रकम को एलआरएस के जरिए विदेश भेजता है तो उन्हें 5 फीसदी की दर से TCS देना होगा|इस संशोध के बाद विदेशों महंगी हो जायेगी| भारत के बाहर भेजी गयी राशि में ट्रैवल का खर्च, होटल में ठहरने का खर्च, बोर्डिंग, लॉजिंग समेत अन्य तरह के सभी खर्च शामिल होंगे| सरकार के इस प्रस्ताव के बाद अब विदेश में पढ़ाई के लिए जाने से लेकर छुट्टियां मनाना तक महंगा हो जाएगा|

TCS रिफंड के लिए क्लेम :

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में विशेषज्ञ के हवाले से बताया गया है कि वास्तविक तौर पर विदेशी दौरा महंगा नहीं होगा |दरअसल, इनकम टैक्स दाखिल कर इस पर रिफंड क्लेम किया जा सकता है| विशेषज्ञ के अनुसार  ग्राहक द्वारा भुगतान किए गए TCS को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर रिफंड के लिए क्लेम किया जा सकता है|हालांकि, इस रिफंड केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो ITR दाखिल करते हैं|