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SC की फटकार के बाद सरकार ने भी टेलिकॉम कंपनियों पर लगाई लगाम

सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह ही सरकार सहित टेलिकॉम कंपनियों को फटकार लगाईं थी

AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के कुछ घंटों के अंदर ही टेलिकॉम कंपनियों सहित सरकार के तेवर में भी परिवर्तन आ गया है| जहां एक ओर एयरटेल ने एक पत्र लिख कर डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकॉम (DoT) को एक सूचित किया है कि वह 20 फरवरी 2020 से पूर्व अपने बकाए में से 10,000 करोड़ रूपए जमा कर देगा| साथ ही उसने 17 मार्च से पूर्व शेष रकम की पूर्ति का भी आश्वासन दिया है| ज्ञात हो कि एयरटेल पर कुल 35,586 करोड़ रूपए बकाया है|

केंद्र सरकार भी हुआ सख्त 

वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने एक आदेश पारित करके सभी टेलिकॉम कंपनियों को तय दिवस के निर्धारित घंटे तक ही पूरी रकम के भुगतान का आदेश दिया है| भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया और अन्य कंपनियों को सरकार द्वारा तय मियाद से पहले रकम चुकानी होगी|

सुप्रीम कोर्ट ने दी अवमानना की कार्रवाई की धमकी 

ज्ञात हो कि शीर्ष अदालत ने आज शुक्रवार को ही टेलीकॉम कंपनियों से रिकवरी स्थगित करने पर दूरसंचार विभाग को फटकार लगाई थी| 1.47 लाख करोड़ रुपए के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ज्यादातर कंपनियों ने रकम जमा नहीं करवाई थी| इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों से पूछा था कि, ‘क्यों ना आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए? क्या इस देश में कोई कानून नहीं बचा? इस देश में रहने से बेहतर है कि इसे छोड़कर चले जाना चाहिए|’

सभी टेलिकॉम कंपनियों के MD को किया तलब 

ज्ञात हो कि जिन टेलीकॉम कंपनियों पर AGR के आधार पर स्पेक्ट्रम और लाइसेंस फीस के 1.47 लाख करोड़ रुपए बकाया हैं, उनमें से सिर्फ रिलायंस जियो (jio) ने ही करीब 195 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया है| इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने भारती एयरटेल, वोडाफोन, MTNL, BSNL, रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom), टाटा टेलीकम्युनिकेशंस और अन्य के मैनेजिंग डायरेक्टर्स (MD) से 17 मार्च को पेश होने को कहा है|

24 जनवरी 2020 थी अंतिम तिथि 

ज्ञात हो कि अपने 24 अक्टूबर 2019 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 24 जनवरी 2020 तक पूरी राशि का भुगतान हो जाना चाहिए| मगर उसके बाद jio को छोड़ कर बाकी सभी कंपनियां अलग-अलग आधारों पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमें या निवेदन लगा कर आदेश को टालने का भरसक प्रयास कर रही थी| ज्ञात हो कि jio ने कुछ दिन पूर्व ही अपने बकाए रकम का भुगतान कर दिया है|

इस डेस्क ऑफिसर की चिट्ठी से भड़का SC 

इसपर भी जब कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सभी टेलिकॉम कंपनियों को तय दिवस में ही AGR के बकाए रकम का भुगतान करने का आदेश दिया तो दूरसंचार विभाग के राजस्व मामलों से जुड़े एक डेस्क ऑफिसर ने पिछले दिनों संवैधानिक पदों पर बैठे अन्य अफसरों को लिखी चिट्‌ठी में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक टेलीकॉम कंपनियों पर कोई कार्रवाई न की जाए, भले ही वे AGR मामले में बकाया भुगतान नहीं करें|

इस लेटर की जानकारी के बाद आज जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने को आई तो कोर्ट बहुत सख्त हो गया और फलतः केंद्र सरकार को भी सख्ती दिखानी पड़ रही है और अब स्थिति यह है कि सभी टेलिकॉम कंपनियों को तय समय सीमा के भीतर ही AGR रकम का भुगतान करना होगा| इस आदेश से अब बहुत सालों से लंबित AGR मामले का पटाक्षेप होने की संभावनाएं बन रही है|