IDBI बैंक को 5,763 करोड़ रुपये का भारी घाटा
सरकार ने 9,296 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय लिया था
LIC के स्वामित्व वाले IDBI बैंक की वित्तीय सेहत में सुधार आता नहीं नजर आ रहा है|बैंक के अनुसार दिसंबर 2019 में खत्म तीसरी तिमाही में 5,763 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है|गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भी बैंक को 4,185 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था|
भारतीय जीवन बीमा निगम की 51% हिस्सेदारी
IDBI बैंक की गिरती वित्तीय सेहत को देखते हुए पिछले साल भारतीय जीवन बीमा निगम ने बैंक में निवेश किया था|बता दें कि एलआईसी ने आईडीबीआई मे 51 फीसदी की हिस्सेदारी ली है|पिछले साल के अंत में IDBI बैंक को संकट से उबारने के लिए सरकार ने भी उसमें 9,296 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय लिया है|ये घोषित राशि सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा मिलकर दी जाएगी|आईडीबीआई को LIC ने जबसे खरीदा है, इसमें सुधार के विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं|
नए टैक्स प्रावधानों की वजह से यह घाटा हुआ
बैंक का कहना है कि नए टैक्स प्रावधानों की वजह से यह घाटा हुआ है और एसेट क्वालिटी में सुधार हो रहा है|बैंक ने मंगलवार को बताया कि 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हुई तीसरी तिमाही में नेट लॉस काफी बढ़ गया |IDBI बैंक ने कहा, ‘दिसंबर तिमाही में नए टैक्स प्रावधान लागू किए गए जिससे 6,273 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ|आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ‘आईडीबीआई बैंक ने कहा, ‘इस एक बार के अतिरिक्त प्रभाव को छोड़ दें तो बैंक को चालू तिमाही में 5,763 करोड़ रुपये के घाटे के बदले 418 करोड़ रुपये का लाभ होगा|’हालांकि बैंक की नेट ब्याज से आय आलोच्य तिमाही में 13 फीसदी बढ़कर 1,532 करोड़ रुपये हो गया,जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,357 करोड़ रुपये था|इसके अलावा, बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए या फंसा हुआ कर्ज) और नेट एनपीए अनुपात में भी सुधार हुआ है| IDBI बैंक का नेट एनपीए 31 दिसंबर 2019 को घटकर 6,805 करोड़ रुपये हो गया जोकि 31 दिसंबर 2018 को 21,360 करोड़ रुपये और 30 सितंबर 2019 को 7,919 करोड़ रुपये था|