Mutual Fund में निवेश करने से पहले जान लें यह नए नियम, नहीं हो जाएगा बड़ा नुकसान
शेयर बाजार और Mutual fund की नियामक संस्था Sebi ने कुछ बड़े बदलाव कर दिए हैं। जिनको जानना एक निवेशक के लिए बेहद जरूरी है।
शेयर बाजार और Mutual fund की नियामक संस्था Sebi ने कुछ बड़े बदलाव कर दिए हैं। जिनको जानना एक निवेशक के लिए बेहद जरूरी है। वर्तमान नियमों के मुताबिक अभी तक यह होता था कि जैसे ही किसी निवेशक का आवेदन किसी Mutual fund कंपनी के पास जाता था, वह उसी दिन आपको नेट आसेट वैल्यू (NAV) के हिसाब से यूनिट एलाट कर दिया जाता था। लेकिन, अब Sebi ने अपने इस नियम को बदल दिया है।
शेयर बाजार और Mutual fund की नियामक संस्था Sebi ने अब अपने नए सर्कुलर में दो लाख रुपए से कम के Mutual fund ऑर्डर पर क्लोजिंग NAV उस दिन मिलेगी, जिस दिन पैसा AMCs के पास ट्रांसफर होगा। Sebi का यह नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। सर्कुलर के मुताबिक यह नया नियम ओवरनाइट और लिक्विड Mutual fund बाहर रखे गए हैं।
नए नियम से निवेशक को हो सकता है नुकसान
Mutual fund के ज्यादातर निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव को समझकर निवेश कर देता था। साथ ही अपनी समझ से इस मौके को भुना भी लेता था। दरअसल, वर्तमान में Mutual fund कट ऑफ टाइम का नियम लागू है। लेकिन, नए नियम के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। इसलिए, सबसे ज्यादा नुकसान उन नए निवेशकों का होगा, जो बाजार देखकर निवेश करते हैं। हालांकि, नए नियम उन्हीं निवेशकों पर लागू होंगे, जिनका निवेश 2 लाख रुपए तक का होगा।