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मुंबई लोकल बंद के बयान पर आखरी वक्त में लुढका शेयर बाज़ार

अंतिम के एक घंटे में शेयर बाज़ार सकारात्मक से नकारात्मक हुआ

यस बैंक सहित कई भारतीय बैंकों के शेयरों में भारी उछाल के बाद भी आज भारतीय शेयर बाज़ार के दोनों प्रमुख सूचकांक भारी नुकसान के साथ क्लोज हुए| इस नकारात्मक क्लोजिंग के लिए कारोबार के आखरी घंटे में हुई भारी बिकवाली जिम्मेदार है| ज्ञात हो कि कारबारी दिन समाप्त होने से एक घंटे पूर्व तक भारतीय शेयर बाज़ार मामूली ही सही मगर सकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहा था, मगर महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाले लोकल ट्रेनों के परिचालन को कल से कुछ दिनों के लिए बंद करने के संकेत देने की वजह से निवेशकों ने भारी बिकवाली शुरू कर दी और मात्र एक घंटे के अंदर ही सूचकांक फायदे से भारी नुकसान पर आ गया|

निफ्टी 2017 के बाद नौ हज़ार से नीचे 

आज के कारोबारी दिन की समाप्ति के समय BSE का सेंसेक्स 2.58% और 810.98 अंकों के गिरावट के साथ 30,579.09 अंकों के स्तर पर पहुंच गया था| वहीं NSE का निफ्टी 2.50% और 230.35 अंक गिरकर नौ हज़ार के अंक तालिका से नीचे 8967.05 के स्तर पर पहुच चूका था| ज्ञात हो कि निफ्टी 2017 के बाद आज पहली बार नौ हज़ार के नीचे के स्तर पर बंद हुआ है| आज के दिन BSE मिडकैप और स्मालकैप इंडेक्स में भी लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई|

कोरोना का प्रभाव इंडेक्स पर आया नज़र 

कोरोना के भारत में बढ़ते प्रभाव का नतीजा इंडेक्स पर भी साफ़ दिखाई दे रहा है, जहां पर फार्मा और FMCG इंडेक्स फायदे में दिखाई दे रहे हैं| आज HUL, आयशर मोटर्स, हीरो, कोल इंडिया, मारुति, एशियन पेंट्स, सिप्ला, पावर ग्रिड और अडानी पोर्ट्स के शेयरों ने सबसे अधिक तेजी दर्ज की| जबकि ICICI, zee आदि के शेयरों ने भारी नुकसान झेला| मगर आज के कारोबार का स्टार YES बैंक रहा, जो लंबी छलांग लगते हुए 58.65 रूपए के ऊंचाई पर जा पहुंचा|

अमेरिकी बाज़ार का भी रहा असर 

आज भारतीय शेयर बाज़ार के अंतिम क्षणों में गिरावट उतनी भी विस्मित नहीं करती है, जितनी की दिखाई पड़ती है| अमेरिकी बाज़ार में भारी गिरावट की वजह से इसकी सुगबुगाहट सुबह से ही देखि जा रही थी, मगर ऐसे-वैसे कैसे भी थोड़ी बढ़त के साथ सूचकांक सकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबतक की निवेशकों को बिकवाली का एक कारण न मिल गया| जैसे ही मुंबई लोकल के बंद करने के बारे में आशंका जाहिर की गई, वैसे ही निवेशक बिकवाली की तरफ टूट पड़े| ऐसे यह गिरावट कल के रिकॉर्ड बिकवाली से काफी कम है, मगर जब पूरे दिन में सकारात्मक माहौल हो और अंतिम क्षणों में भारी बिकवाली की वजह से बाज़ार लुढक जाए तो निराशा होती है|