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टेलिकॉम कंपनियों ने क्या हमें मुर्ख समझ रखा है?- सुप्रीम कोर्ट

DOT का सभी टेलिकॉम कंपनियों पर करीब 1.63 लाख करोड़ रुपए का बकाया है

समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाए मामले पर टेलिकॉम कंपनियों द्वारा स्व आकलन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कड़ी फटकार लगाई है| सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि, ‘टेलिकॉम कंपनियों ने क्या हमें मुर्ख समझ रखा है? AGR बकाये पर जो रवैया टेलिकॉम कंपनियां अपना रही हैं, वह चौकाने वाला है| टेलिकॉम कंपनियों को ऐसा क्यों लगता है कि वे दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं और कोर्ट के आदेश के बाद भी टेलिकॉम कंपनियां AGR भुगतान के लिए स्व आकलन रिपोर्ट पेश कर रही हैं| टेलिकॉम कंपनियां AGR बकाये के बारे में स्व आकलन करना तुरंत बंद करें, ऐसा करने से उनपर कोर्ट की अवमानना का केस किया जा सकता है|’

Vodafone ने  को पेश की थी स्व-आकलन रिपोर्ट 

ज्ञात हो कि इसी सोमवार को AGR बकाए की सबसे बड़ी लेनदार कंपनी Vodafone-idea ने  सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत अपने स्टेटमेंट में कहा था कि कंपनी ने भारतीय टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DOT) को अपने आकलन के अनुसार 3354 करोड़ रूपए का भुगतान कर चुकी है और यह रकम कंपनी के आंकलन के अनुसार उसके ऊपर बकाए का मूलधन बनता है| अब तक वोडाफोन-आइडिया AGR बकाए में से 6,854 करोड़ रुपए का भुगतान की हैं|

SC ने दी अवमानना की धमकी 

Vodafone-idea के इसी स्व आकलन वाले वक्तव्य की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने व्यथित होकर कोर्ट की अवमानना की धमकी भरा हुआ स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया का नाम लिए बिना अपना गुस्सा जाहिर किया है|

कोरोना के वजह से प्रभावित है कोर्ट का कामकाज 

ज्ञात हो कि कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की वजह से अन्य सरकारी कार्यालयों के साथ सुप्रीम कोर्ट का कामकाज भी प्रभावित हुआ है| इसके कारण से AGR बकाए के भुगतान के लिए केंद्र सरकार द्वारा पेश 20 वर्षीय भुगतान फार्मूले पर भी अभी तक कोई चर्चा नहीं हो पाई है|

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट के इस गर्म तेवर के बाद सरकार और टेलिकॉम कंपनियां विशेषतः वोडाफोन-आईडिया की तरफ से क्या जवाब आता है|