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AGR मुद्दे पर Vodafone Idea ने मीटिंग के बाद कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट के सख्ती के बाद Vodafone Idea ने रखी थी समीक्षा बैठक

एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के जहां एक ओर एयरटेल ने 20 फरवरी 2020 तक 10,000 करोड़ रूपए भुगतान की बात कही है, वहीं Vodafone Idea ने एक दिन बाद आज अपने मेम्बरों को मीटिंग रखी थी|

बकाया रकम का भुगतान करने की प्रक्रिया जारी 

मीटिंग के बाद Vodafone Idea के हवाले से यह स्टेटमेंट आ रहा है, जिसमें उसने कहा है कि, ‘वो बकाया रकम भुगतान करने से पहले AGR (Adjusted Gross Revenue) का आंकलन कर रही है| कंपनी को भारत में अपने कारोबार को आगे बढ़ाने को लेकर चिंता बढ़ गई है| कंपनी ने शनिवार को जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वो बकाया रकम का भुगतान करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है|’

हालांकि कंपनी ने साथ में यह भी कहा कि भारत में कंपनी के कारोबार को आगे जारी रखना इस बात पर निर्भर करेगा कि सुप्रीम कोर्ट से उसके पक्ष में राहत भरा कोई फैसला लिया जाए|

BSE में कंपनी ने दी जानकारी

Vodafone Idea ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) फाइलिंग में कहा, ‘कंपनी फिलहाल आंकलन कर रही है कि टेलिकॉम विभाग AGR बकाए के तौर पर कितना भुगतान किया जा सकता है| यह आंकलन 24 अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में कुल बकाए के आधार पर है| आंकलन के बाद अगले कुछ दिन में कंपनी भुगतान की प्रक्रिया को पूरी कर देगी|’

कंपनी ने दिया तिमाही रिपोर्ट का हवाला

कंपनी ने आगे कहा, ’31 दिसंबर 2019 को समाप्त हुए तिमाही के लिए जारी वित्तीय स्टेटमेंट में कंपनी द्वारा जो जानकारी दी गई है| कंपनी का कारोबार आगे जारी रहना इस बात पर निर्भर होगा कि उसकी याचिका में क्या राहत मिलती है|’

ज्ञात हो कि कंपनी ने सप्लीमेंटरी आदेश में मोडीफिकेशन के लिए आवेदन किया है|

कंपनी पर है 53,038 करोड़ रुपए बकाया 

Vodafone Idea लिमिटेड पर कुल 53,038 करोड़ रुपए AGR बकाया है| इसमें 24,729 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम चार्ज के तौर पर हैं| जबकि बाकी 28,309 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस के तौर पर बकाया है| कंपनी ने पहले ही हाथ खड़े हुए कह चुकी है कि अगर उसे कोई राहत नहीं मिलती है तो मजबूरन अपना कारोबार बंद करना पड़ सकता है|

ज्ञात हो कि जिन टेलीकॉम कंपनियों पर AGR के आधार पर स्पेक्ट्रम और लाइसेंस फीस के 1.47 लाख करोड़ रुपए बकाया हैं, उनमें से सिर्फ रिलायंस जियो (jio) ने ही करीब 195 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया है| इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने भारती एयरटेल, वोडाफोन, MTNL, BSNL, रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom), टाटा टेलीकम्युनिकेशंस और अन्य के मैनेजिंग डायरेक्टर्स (MD) से 17 मार्च को पेश होने को कहा है|