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ऑटोमोबाइल सेक्टर की चाहत बजट-2020 से

2019 में 22 साल की सबसे बड़ी गिरावट

ऑटोमोबाइल सेक्टर की खराब हालत देश में किसी से छुपी नहीं है|वाहन उद्योग की दुर्दशा की खबरें आये दिन अखबारों की सुर्ख़ियों में रहती हैं|अगर साल 2019 की बात करें तो ये साल इस उद्योग के लिए बुरे सपनों के जैसा रहा|आर्थिक सुस्ती का सबसे ज्यादा प्रभाव इसी सेक्टर पर पड़ा है|महीनों से लगातार जारी मंदी के कारण बड़ी बड़ी वाहन कंपनियों को अपना उत्पादन बंद करना पड़ा  जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकालना भी पड़ा|बीता साल गुजर चुका है अब आगामी बजट-2020 पर ऑटोसेक्टर की नजरें लगी हुई हैं|आइये जानते हैं आगामी बजट से वाहन उद्योग की क्या अपेक्षाएं हैं?

ऑटोमोबाइल सेक्टर बुरी स्थिति में:

आर्थकि सुस्ती की मार से बेहाल है ऑटोमोबाइल सेक्टर|मारुति-सुजुकी,अशोक लेलैंड समेत विभिन्न बड़ी कंपनियां की दशा एक जैसी है|हाल में आयी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, पिछले साल सभी तरह के वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है|पिछले साल यानी 2019 में कुल 2,30,73,438 वाहनों की बिक्री हुई गिरावट 2018 के 2,67,58,787 वाहनों के मुकाबले 13.77 फीसदी ज्यादा है| यह 1997 के बाद यानी 22 साल की सबसे बड़ी गिरावट  है|इसके पहले 2007 में वाहनों की बिक्री में 1.44 फीसदी की गिरावट देखी गई थी|विदित हो कि साल 2019 के दौरान ऑटो सेक्टर की बिक्री में दो दशकों की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है|वाहन उद्योग की आगे की सारी योजनायें आगामी बजट-2020 पर आधारित हैं|दूसरी ओर सरकार पर भी वाहन उद्योग को पटरी पर लाने का भारी दबाव है|वाहन उद्योग के उत्पादन में कमी के कारण बेरोजगारी बढ़ेगी जो अर्थव्यवस्था के लिए बुरा संकेत है|

क्या चाहता है ऑटोमोबाइल सेक्टर?

बिक्री में कमी से जूझ रहा ऑटोमोबाइल सेक्टर बजट-2020 में बहुत सी रियायतें एवं कराधान संबंधित विभिन्न  सुधार चाहता है| पीटीआई की खबर के अनुसार ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से जीएसटी दरों में कटौती, लिथ‍ियम ऑयन बैटरी सेल्स के आयात को ख़त्म करने एवं लोन सुधार सम्बंधित विभिन्न मांगें की हैं|जानते हैं ये मांगें क्या हैं?

जीएसटी दरों में कटौती: जीएसटी दरों में कटौती कोई नयी बात नहीं है|वाहन उद्योग पहले भी कई बार ये मांग रख चुका है| विदित हो कि BS-VI उत्सर्जन मानक लागू करने से वाहन निर्माण की लागत में 8 से 10 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ है|अतिरिक्त लागत की वजह बढ़ी कीमतों के कारण कारों की मांग में कमी आई है|ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख मांग है कि अप्रैल के बाद  BS-VI वाहनों पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जाए|

लिथ‍ियम ऑयन बैटरी का आयात कर: लिथ‍ियम ऑयन बैटरी सेल्स के आयात कर को खत्म करना भी ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख मांगों में शामिल है|बता दें कि  लीथ‍ियम ऑयन बैटरी सेल पर आयात कर खत्म होने के बाद बैटरी पैक का निर्माण देश में संभव हो सकेगा|इससे इलेक्ट्र‍िक वाहनों की लागत घटेगी और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा|

होम लोन की तरह हो ऑटो लोन: वाहन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर चाहता ऑटों लोन का सरलीकरण|वाहन उद्योग का मानना है कि आसान लोन उपलब्ध होने से भी वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा|बता दें कि होम लोन में चुकाये जाने वाले ब्याज की दर पर  इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान है|ऑटो सेक्टर वाहन संबंधित लोन में भी यही प्रावधान चाहता है|

इसके अतिरिक्त अन्य मांगों में ऑटोमोबाइल सेक्टर, शहरी विकास मंत्रालय को पर्याप्त बजट मुहैया कराया जाने की पैरोकारी कर रहा है जिससे राज्य परिवहन और अन्य सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा मिले|इससे बसों, वैन आदि की बिक्री बढ़ सकती है|ऑटो इंडस्ट्री ने नए वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने के प्रस्ताव को भी हमेशा के लिए खत्म करने की मांग की है तथा प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज पॉलिसी लाने की बात भी कही है| ताकी पुराने वाहनों के इस्तेमाल को हतोसाहित किया जा सके|