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IMF अध्यक्ष ने दिया आश्वासन, कहा- जल्द खत्म होगी भारत की आर्थिक मंदी  

स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड एकोनॉमिक फोरम 2020 में संबोधन के दौरान उन्होंने कही ये बात

भारी सुस्ती से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक राहतभरी खबर दी है| IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने आज शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती अस्थायी है और आने वाले समय में इसकी रफ्तार में सुधार होगा| वहीं उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर उन्होंने कहा कि वे आगे बढ़ रही हैं|

साढ़े छह साल का सबसे निचला स्तर:

दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम 2020 में उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 में आईएमएफ द्वारा घोषित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तुलना में जनवरी 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है| दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5% रही है, जो साढ़े छह साल का निचला स्तर है|

अमेरिका-चीन समझौते से व्यापारिक वातावरण में सुधार:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख ने विश्व के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी का कारण अमेरिका-चीन के बीच पहले चरण का व्यापार समझौता होने के बाद ट्रेड टेंशन में आई कमी तथा नीतिगत करों में लगातार कटौती है| उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 3.3% का ग्रोथ रेट बहुत बढ़िया नहीं है|

राजकोषीय नीतियां हों ज्यादा आक्रामक:

IMF की अध्यक्ष ने विश्व के अर्थव्यवस्था के बारे में बारे में बात करते हुए आगे कहा कि, ‘अभी भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त है| हम चाहते हैं कि राजकोषीय नीतियां ज्यादा से ज्यादा आक्रामक हों और संरचनात्मक सुधारों में तेजी लाई जाए|’

भारत की सुस्ती अस्थाई:

पीटीआई के एक रिपोर्ट में IMF प्रमुख ने कहा, ‘हम भारतीय बाजार में सुस्ती देख रहे हैं| हमें उम्मीद है कि यह अस्थायी है| हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार होगा| इंडोनेशिया तथा वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाएं भी चमकते सितारे की तरह हैं|’ IMF प्रमुख ने यह भी कहा कि कुछ अफ्रीकी अर्थव्यवस्थाएं अच्छा कर रही हैं, जबकि मेक्सिको जैसे देश की इकॉनमी में कोई सुधार नहीं है|

विदित हो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पिछला साल कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा| सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी इन्वेस्टमेंट प्राप्त करने के मामले में ज्यादा सफलता नहीं मिली है| अब सबकी उम्मीदें बजट2020 पर टिकीं हैं, जब सरकार के उद्घोषणाओं से निवेश प्राप्ति में तेज़ी आए और सुस्त पड़ रही अर्ह्व्यव्स्था में फिर से रौनक लौट आए|