बजट-2020 से अर्थव्यवस्था को अल्पावधि प्रोत्साहन की उम्मीद नहीं: क्रिसिल
2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य 3.5 फीसदी
आर्थिक विकास को कुछ प्रोत्साहन मिलेगा लेकिन अल्पावधि में ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिलेगा|हालांकि, सरकार अभी भी लंबी अवधि के आर्थिक विकास को देख रही है|पूंजीगत खर्च पर जोर दिया गया है| इसका गुणक प्रभाव सकारात्मक होगा, लेकिन मंद रहेगा|ये कहना है वैश्विक रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का| एजेंसी बजट-2020 में आर्थिक विकास के लिए किये गए उपायों पर प्रतिक्रिया दे रही थी|
दीर्घ अवधि में धीरे धीरे दिखेगा असर:
एजेंसी ने रिपोर्ट में बताया है कि बजट-2020 का असर अल्प अवधि में नजर नही आएगा|बजट में अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से निकालने के लिए किये गए प्रावधानों का दीर्ग अवधि में धीरे-धीरे कुछ असर दिख सकता है| क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार सरकार को अतिरिक्त धन की प्राप्ति विनिवेश, एसेट्स को बेचने के लक्ष्य और टेलीकॉम राजस्व द्वारा जुटाया जाने वाला फंड व आशावादी कर वृद्धि अनुमान और कुल खर्च में कमी से होगी| इसके अलावा, पूंजीगत खर्च और ग्रामीण क्षेत्र के लिए किए जाने वाले खर्च से उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा |
मुश्किल परिस्थितियों में अर्थव्यवस्था:
आर्थिक सुस्ती एवं वैश्विक मंदी के बीच बजट-2020 प्रस्तुत करना मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही थी| बता दें शनिवार को पेश किये गए आम बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य 3.5 फीसदी तय किया गया जोकि पिछले साल के लक्ष्य तीन फीसदी से अधिक है|राजकोषीय घाटे में वृद्धि के ये आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था की स्थिति फिलहाल नाजुक बनी हुई है|बीते साल में अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हुई|इसी कारण वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बढ़त महज 5 फीसदी रहने का अनुमान है|सितंबर में खत्म तिमाही में तो इकोनॉमी की बढ़त दर महज 4.8 फीसदी रह गई थी|जीडीपी की रफ्तार में गिरावट से बेरोजगारी बढ़ी है|अतः बजट-2020 में देश को वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें थी|मांग- निवेश को प्रोत्साहन,जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार जैसी बहुत सी उम्मीदें इस बजट से पूरी होती नजर नहीं आ रही|