वायदा बाज़ार क्या है, जानें इसके नियम व शर्तें
वायदा बाज़ार ग्लोबल बाज़ार सिस्टम की नींव में से एक है।
वायदा बाज़ार ग्लोबल बाज़ार सिस्टम की नींव में से एक है। भविष्य में नियत तारीख तक ट्रेडर्स की ओर से सौदा सेटल करने के वादे को वायदा बाज़ार कहते हैं। इसमें ट्रेडर अपने एनालिसिस और समझ के आधार पर तेजी और मंदी दोनों तरफ के सौदे कर सकता है। वायदा बाज़ार में कीमतें मांग और सप्लाई के नियम से तय होते हैं। वायदा बाज़ार में एक निश्चित तारीख पर सौदे के सेटलमेंट किेए जाते हैं। आम तौर पर वायदा बाज़ार में सौदे एक महीने में सेटल हो जाते हैं जो कि हर महीने के आखिरी गुरूवार को होते हैं। यदि आखिरी गुरूवार को राष्ट्रीय अवकाश का हुआ तो उसके 1 दिन पहले यानी बुधवार को सेटलमेंट होता है। सेटलमेंट की तारीख को एक्सपायरी डेट कहा जाता है। ट्रेडर्स चाहें तो अपने सौदे को अगले महीने के लिए रोल ओवर भी कर सकते हैं। वायदा बाज़ार 2 तरह से होता है – फ्यूचर और ऑप्शन।
वायदा बाज़ार के मुख्य तथ्य
- वायदा बाज़ार में एनालिसिस और समझ के आधार पर सौदे होते हैं।
- सौदे के सेटलमेंट हर महीने के आखिरी गुरूवार को होते हैं।
- ट्रेडर अपनी भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सौदे करता है।
- इसमें पूरा पैसा भी एक साथ नहीं दिया जाता है।
- इसमें खरीद बिक्री एक्सचेंज द्वारा निर्धारित की गई संख्या यानि लॉट साइज़ के अनुसार होती है।
- वायदा बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए कोई एक डेरिवेटिव होना जरूरी है।
- वायदा बाज़ार 2 तरह से होता है – फ्यूचर और ऑप्शन।
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वायदा बाज़ार में कोई ट्रेडर अपनी भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सौदे करता है और इसमें पूरा पैसा भी एक साथ नहीं देना होता है, लेकिन एक्सपायरी की तारीख आने तक ट्रेडर को अपना सौदा क्लियर करना होता है। भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं, जिनमें कमोडिटी का वायदा कारोबार होता है। इनमें एमसीएक्स, एनसीडीएक्स, एनएमसीई और आरसीएक्स प्रमुख हैं। वर्तमान में वायदा लेन-देन के लिए राष्ट्रीय स्तर के पांच केंद्र हैं, इनमें 113 जिंसों की वायदा खरीद-बिक्री होती है। इसके अलावा 16 ऐसे केन्द्र हैं, जहां पर वायदा बाज़ार कमीशन द्वारा जिंसों में ही सौदे होते हैं।
अब निफ़्टी और बैंकनिफ्टी की वीकली एक्सपायरी भी शुरू हो चुकी है। यहां सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को सेटलमेंट होता है। सप्ताह के हर गुरुवार को पड़ने वाली तारीखों के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट लिए या बेचें जाते हैं।
यहां शेयर की खरीद बिक्री एक्सचेंज द्वारा निर्धारित की गई संख्या (लॉट साइज़) के अनुसार करनी होती है। इसका मतलब है आप अपनी पसंद अनुसार 10 -20 शेयर नहीं ट्रेड कर सकते। आपको उसका कम से कम 1 लॉट खरीदना होगा। शेयर के मूल्य के आधार पर लॉट साइज होती है। किसी भी शेयर के 1 लॉट का मूल्य सामान्यतः 5 से 6 लाख रूपये तक होता है।
वायदा बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए कोई एक डेरिवेटिव होना जरूरी है। डेरिवेटिव्स में स्टॉक्स, इंडेक्स, मेटल, गोल्ड, क्रूड, करेंसी शामिल है।