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आने वाले दिनों में रेपो रेट में और संसोधन होने की संभावना- RBI गवर्नर

RBI सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दास ने कही यह बात

पिछले दिनों रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की हुई समीक्षा बैठक में रेपो रेट सहित किसी भी दर में बदलाव नहीं किया गया है, मगर बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और RBI सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की पहली बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जो संकेत दिएं, उससे निकट भविष्य में रेपो रेट में संसोधन होने की संभावनाएं बन रही हैं|

आने वाले दिनों में रेपो रेट में होगा और सुधार 

ज्ञात हो कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज शनिवार को कहा कि आने वाले दिनों में रेपो रेट में कटौती का ज्यादा-से-ज्यादा लाभ कर्ज लेने वालों को मिल सकता है, क्योंकि लोन का वितरण गति पकड़ सकती है| RBI की बोर्ड बैठक के बाद दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेपो रेट में कटौती का लाभ आम लोगों को देने की प्रक्रिया धीमी गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसमें सुधार हो सकता है|

कृषि लोन के लिए की जा रही है बैंकों की मॉनिटरिंग 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सेंट्रल बोर्ड को संबोधित किया| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र को लोन देने को लेकर बैंकों की मॉनिटरिंग की जा रही है|

वहीं RBI गवर्नर दास ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में देश की GDP वृद्धि छह फीसद रहने का अनुमान है| ज्ञात हो कि मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने और वैश्विक बाजार की परिस्थितियों के कारण केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में 2020 की अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा नीति में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था| केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने छह फरवरी को अपनी समीक्षा के बाद रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा था|

MPF का किया जा रहा है विश्लेषण 

शक्‍तिकांत दास ने कहा कि मॉनिटरिंग पॉलिसी फ्रेमवर्क (MPF) पिछले तीन साल से काम कर रहा है| केंद्रीय बैंक आंतरिक तौर पर इस बात का विश्लेषण कर रहा है कि आखिर MPC (Monetary Policy Committee) फ्रेमवर्क कितना कारगर रहा है| उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय रिजर्व बैंक इस बारे में सरकार के साथ बातचीत भी करेगी|

दरअसल मॉनिटरिंग पॉलिसी फ्रेमवर्क के तहत RBI हर दो महीने पर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा करता है| ये मीटिंग तीन दिनों तक चलती है और इसकी अध्‍यक्षता RBI के गवर्नर करते हैं| इसी मीटिंग में रेपो रेट कटौती को लेकर फैसले लिए जाते हैं|