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अनिवार्य हो आधारभूत चिकित्सा कवरेज:IRDA

ग्राहकों के लिए सही उत्पाद चुनना चुनौतीपूर्ण

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक की एक स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं|इरडा ने ये कदम बीमा उत्पादों से जुड़ी ग्राहकों की समस्याओं को हल करने के लिए उठाया है। बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों से एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक की एक स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराने को कहा है। बता दें इरडा ने ये निर्देश गुरुवार को जारी किये हैं।

IRDA ने कहा:

इरडा ने जारी निर्देश में कहा कि,‘‘हेल्थ इंश्योरेंस मार्केट में इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस के कई प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। हर प्रोडक्ट के कुछ खास फीचर्स हैं। इस वजह से ग्राहकों के लिए सही उत्पाद चुनना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए इरडा सभी सामान्य व चिकित्सा बीमा कंपनियों के लिये यह अनिवार्य करती है कि वे स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की पेशकश करें।’’ज्ञात हो कि विभिन्न बीमा कंपनियों के अलग अलग व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा उत्पाद हैं। इन उत्पादों के फायदे व शर्तें अलग-अलग होती हैं। इस विभिन्नता के कारण ग्राहको को सही उत्पाद चुनने में समस्या हो रही थी।

आरोग्य संजीवनी पॉलिसी:

इरडा ने इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नाम दिया है। इरडा के अनुसार इस नाम में बीमा कंपनियां अपना नाम जोड़ सकती हैं। हालांकि दस्तावेजों में इसके अलावा किसी दूसरे नाम का जिक्र नहीं होना चाहिये। यह प्रोडक्ट ग्राहकों की आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज देगा।इस योजना के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये और न्यूनतम एक लाख रुपये का कवरेज होगा। इरडा ने कहा है कि इस प्रोडक्ट में अनिवार्य रूप से आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज होगी। साथ ही इसमें किसी प्रकार के एड-ऑन या वैकल्पिक कवरेज की पेशकश नहीं की जाएगी।

अनिवार्य आधारभूत चिकित्सा:

विदित हो कि अनिवार्य आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज में अस्पताल में भर्ती होने का खर्चा, मोतियाबिंद के इलाज का खर्च (एक सीमा तक), किसी बीमारी या चोट को दूर करने के लिए आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी, दांतों से जुड़ी बिमारियों के इलाज में लगने वाला खर्चा, सभी तरह के डे-केयर इलाज और प्रति मरीज अधिकतम दो हजार रुपये का एंबुलेंस का खर्चा कवर होगा। बीमा कंपनियों को इरडा के निर्देशों के दायरे में रहते हुए इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट की कीमत तय करनी होगी|