वैश्विक बाजार के मुकाबले भारतीय रूई सस्ती होने से हाल के दिनों में इसकी निर्यात मांग बढ़ी है| चालू कॉटन सीजन 2019-20 में भारत ने 15 लाख गांठ रूई का निर्यात किया है|
अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के ट्रेड डील पर हस्ताक्षर होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई के दाम में नरमी देखी जा रही है, लेकिन कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि मुनाफावसूली के कारण कॉटन के दाम में नरमी आई है।इस बीच वैश्विक बाजार के मुकाबले भारतीय कपास सस्ता होने के कारण हाल के दिनों में इसकी निर्यात मांग बढ़ी है|चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत ने (अक्टूबर-सितंबर) तकरीबन 15 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) रूई का निर्यात किया है। उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार, भारत ने चालू सीजन में अब तक तकरीबन 14-15 लाख गांठ कपास का निर्यात किया है।
सीएआई के प्रेसीडेंट अतुल गंतरा ने आईएएनएस एजेंसी के साथ हुई वार्ता में बताया कि उम्मीद की जा रही है चालू सीजन में भारत तकरीबन 42 लाख गांठ रूई का निर्यात करेगा। उन्होंने बताया कि इस समय भारतीय कपास का सबसे बड़ा खरीदार बांग्लादेश है।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई के दाम में बीते तीन महीने में रूई के दाम में तकरीबन 10 सेंट प्रति पौंड यानी 16 फीसदी की तेजी आई है, जिससे भारतीय रूई वैश्विक बाजार में सबसे सस्ती हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमेरिका, ब्राजील, आस्ट्रेलिया और पश्चिमी अफ्रीकी देशों की रूई की कीमत जहां 82-84 सेंट प्रति पौंड हैं वहां भारत की कपास का दाम 76-77 सें प्रति पौंड है, इसलिए निर्यात मांग बनी हुई है।
कपास की मांग में वृद्धि का लाभ किसानों को भी मिलने लगा है| सीसीआई ने अब तक तकरीबन 40 लाख गांठ कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से खरीदा है।निर्यात मांग बढ़ने और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीद जोर पकड़ने से किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिलने लगा है। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान निजी कारोबारियों को भी एमएसपी से कम दाम पर कपास नहीं बेच रहे हैं।बता दें चालू सीजन में भारत सरकार ने मध्यम रेशा कपास को एमएसपी 5,255 प्रति क्विंटल जबकि लंबा रेशा 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील की संभावनाओं से कपास के दाम में जोरदार तेजी आई और भाव 71 सेंट प्रति पौंड से ऊपर चला गया। जबकि भारतीय घरेलू बाजार में रूई की आवक बढ़ने से कीमतों में नरमी देखी बनी हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कॉटन (रूई) के जनवरी अनुबंध में गुरुवार को पिछले सत्र के मुकाबले 70 रुपये की कमजोरी के साथ 1,9680 रुपये प्रति गांठ पर कारोबार चल रहा था। एमसीएक्स पर बीते चार दिनों में रूई के दाम में 320 रुपये प्रति गांठ की गिरावट आई है।
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