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म्यूचुअल फंड क्या है? Mutual Funds in Hindi

सरल एवं लाभदायक निवेश पद्धति है म्‍यूचुअल फंड

म्‍यूचुअल फंड आज निवेश के सबसे लोकप्रिय तरीकों में शुमार हैं । म्‍यूचुअल फंड में बेहद छोटी रकम से भी निवेश की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।इसी खूबी के कारण नए निवेशक भी म्‍युचुअल फंड में निवेश करके लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं।इक्विटी म्‍युचुअल फंड ने लम्बी अवधि में सालाना 15 फीसदी औसत रिटर्न देकर अपनी विश्वसनीयता को साबित किया है|

क्या है म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds)?

अक्सर निवेश के चर्चित माध्यमों में म्‍यूचुअल फंड का नाम प्रमुखता से लिया जाता है|ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि म्‍यूचुअल फंड क्या है| आसान शब्दों में कहें तो mutual fund का अर्थ होता है सामूहिक निवेश| शाब्दिक अर्थों की बात करें तो इसे पारस्परिक निधि कहा जा सकता है|विभिन्न निवेशकों से एकत्र धनराशि से शेयर व प्रतिभूतियों में निवेश करके लाभ अर्जित करने वाले फंड को म्‍यूचुअल फंड कहते है।इसमे निवेश से अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए फण्ड मैनेजर धन का प्रबंधन करते हैं|उपरोक्त प्रकार से अर्जित हर लाभ एवं हानि सभी निवेशकों में समान रूप से वितरित की जाती है|भारत में म्‍यूचुअल फंड फण्ड की सभी कंपनियों का पंजीकरण SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया) के अंतर्गत होता है|सेबी ये सुनिश्चित करती है कि भारत में पंजीकृत हर कम्पनी अपने निवेशकों के हितों के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे|

म्यूचुअल फंड में निवेश से फायदे:

म्‍यूचुअल फंड में किये निवेश को फंड मैनेजर पेशेवर तरीके से मैनेज करते हैं।वो अपने अनुभव से सही जगहों पर निवेश करके अधिकतम रिटर्न सुनिश्चित करते हैं।बिन्दुवार जानते हैं mutual fund में निवेश के लाभ|

  1. म्‍यूचुअल फंड में बड़ी रकम ही निवेश करना जरूरी नहीं होता|आप म्‍यूचुअल फंड  में मात्र 500 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं और बाद में इस निवेश को बढ़ाया जा सकता है|
  2. आपकी निवेश राशि का कुशल प्रबंधन फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है| ये पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद लाभ दे रहे शेयर एवं अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं|अतः एक नया निवेशक भी सरलता से निवेश कर सकता है|
  3. म्‍यूचुअल फंड के द्वारा हम विविध प्रकृति के माध्यमों में निवेश कर सकते हैं|उदाहरण के तौर पर समझे तो सीधे इक्विटी स्‍टॉक में निवेश करके सिर्फ कुछ कंपनियों में निवेश किया जा सकता है। दूसरी तरफ म्‍युचुअल फंड में निवेश किया गया पैसा सैकडों स्‍टॉक में निवेश किया जाता है।अतः ये कहना गलत न होगा कि म्‍यूचुअल फंड हमे निवेश की विविधता प्रदान करते हैं|
  4. म्‍यूचुअल फंड फण्ड में निवेश करना बेहद आसान है|निवेशक ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से निवेश कर सकते हैं|
  5. म्‍यूचुअल फंड में इक्विटी और डेट के बीच एक संतुलन बनाया जाता है जिससे शेयर बाजार में उतार चढ़ाव से पैदा होने वाला जोखिम कम हो जाता है|
  6. म्‍युचुअल फंड में लंप सम और एसआईपी इन्‍वेस्‍टमेंट के द्वारा निवेश किया जा सकता है। लंप सम से एक बार में बड़ी रकम म्‍युचुअल फंड में निवेश की जा सकती है।जबकि एसआईपी (sip ) के जरिए हर माह अपनी पसंद के म्‍युचुअल फंड में एक निश्चित रकम लंबे समय तक निवेश की जा सकती है।
  7. इक्विटी म्‍युचुअल फंड जैसे इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग ईएलएसएस के जरिये साल में 1.5 लाख रुपए तक निवेश करने पर टैक्‍स में छूट भी मिलती है।
  8. म्‍यूचुअल फंड की लोकप्रियता बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है इसमें निवेश और निकासी की सरलता।आप इसमें कभी भी निवेश कर सकते हैं और कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।किन्तु अगर आप अपने पैसे फिक्‍स्ड डिपॉजिट में जमा करते हैं तो समय से पहले पैसा निकालने पर आपको अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है|

म्‍यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual fund in hindi):

म्‍यूचुअल फंड निवेश के सबसे विस्तृत माध्यमों में से एक हैं|इक्विटी,डेट से लेकर सरकारी प्रतिभूतियों तक निवेश के हर संभव तरीके mutual fund के अंतर्गत आते हैं| म्‍यूचुअल फंड के ५ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं|

  1. इक्विटी फंड (Equity Fund): इक्विटी फंड म्‍यूचुअल फंड की वो स्कीम है, जो शेयर्स में निवेश करती है| इन्हें ग्रोथ फंड (वृद्धि फंड) भी कहते हैं|इनमे  छोटी अवधि के लिए किया गया  निवेश रिस्की हो सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए इस स्कीम में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलता है। इस स्कीम में 10 साल की अवधि  के लिए किया गया निवेश ज्यादा सही माना जाता है| बाजार पूंजीकरण के अनुसार इसे लार्ज कैप, मिड कैप, छोटे और सूक्ष्म जैसे १० प्रकारों में विभाजित किया जाता है|
  2. डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund): डेट फंड मुख्य रूप से डेट या फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट के मिश्रण में निवेश करता है|इसका लक्ष्य निश्चित आय साधन में निवेश करना है।इसे वो लोग पसंद करते हैं जो अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले स्थिर आय की तलाश में रहते हैं|ये  तुलनात्मक रूप से इक्विटी फंड  के मुकाबले कम अस्थिर हैं।
  3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Funds): ऐसी स्कीमें जो इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्‍लास में निवेश करती हैं,उन्हें हाइब्रिड म्यूचुअल फंड कहा जाता है| एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश के साथ ही कई बार ये स्कीमें सोने में भी पैसा लगाती हैं| इस तरह से इनका निवेश काफी विविधता पूर्ण होता है| बाजार नियामक सेबी ने सात हाइब्रिड स्कीमें बनाकर इन्हें साफ तौर पर परिभाषित कर दिया है. इनमें एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम शामिल हैं|ये स्कीमें इक्विटी के जरिए पूंजी बढाने के साथ ही पोर्टफोलियो के डेट वाले हिस्से से नियमित आमदनी का रास्ता बनाये रखती हैं| इस तरह ये फंड पूंजी बढ़ाने और सुरक्षा का दोहरा काम करते हैं|
  4. सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund): यह योजना  किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य शामिल  हो सकते हैं। इस स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है।लॉन्ग टर्म के लिए पैसा बनाने का यह एक शानदार ऑप्शन है। पहले इस स्कीम में तीन साल का लॉक-इन होता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है तथा सेबी के निर्देश के अनुसार इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड के वर्गीकरण से हटाकर अलग स्कीम के तहत वर्गीकृत किया गया।
  5. गिल्ट म्यूचुअल फंड (Gilt Mutual Fund) : गिल्ट फंड एक चक्रीय उत्पाद है – जो आर्थिक परिस्थितियों के साथ बदल जाता है| सरकारी योजनाओं में निवेश के कारण गिल्ट म्यूचुअल फंड को सबसे सुरक्षित फंड माना जाता है। सरकार का बैकअप होने की वजह से इसमें पैसा डूबने का डर नहीं रहता। गिल्ट फंड एक निवेश अवसर है जिसे आप अपने लंबे और छोटे दोनों लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं|

म्यूचुअल फंड न्यूज़

उपरोक्त आधारों पर यदि संछेप में कहें तो,म्युचुअल फंड ऐसी इकाई है जो विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों के पैसे को एकत्रित करती है। इस धन को तब विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए इकाई धारकों की ओर से एक पेशेवर निधि प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।जिसका लाभ निश्चित रूप से निवेशकों को अवश्य प्राप्त होता है|किंतु, म्यूचुअल फंड को सोच-समझकर चुनने की जरूरत होती है| इसमें रिटर्न मिलने की संभावना से लेकर कितने समय तक निवेश की जरूरत का ध्यान रखने के साथ ही  टैक्स बचत  के लिहाज से स्कीम की उपयोगिता जैसे प्रश्नों का भी ध्यान रखना चाहिए|