यह इंट्रा- डे की एक महत्वपूर्ण चाल है जिसके लिए बहुत अनुशासन की आवश्यकता होती है, साथ ही बेहतर और त्वरित स्क्रीन रीडिंग की क्षमता भी अति आवश्यक है।
यह इंट्रा- डे की एक महत्वपूर्ण चाल है जिसके लिए बहुत अनुशासन की आवश्यकता होती है, साथ ही बेहतर और त्वरित स्क्रीन रीडिंग की क्षमता भी अति आवश्यक है। इसमें मिनटों में बाजार की अक्षमता का पता लगाने के लिए Algorythm का उपयोग किया जाता है फिर उन्हें तेज़ी से टिक से टिक तक स्कैल्प किया जाता है। यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है। स्कैल्पर या स्केल्पिंग ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है। एक ट्रेडर स्केल्पिंग ट्रेडिंग से मिनटों में हज़ारो कमा सकता है। इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है क्योंकि एक मिनट के भी ध्यान भटकने से पूरी कमाई खो भी सकती है। स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं। शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं क्यूंकि उनके पास बाजार का मिज़ाज समझने का अनुभव बहुत ज़्यादा होता है।
स्केल्पिंग, ट्रेडिंग की एक ऐसी रणनीति है जहाँ ट्रेडर्स बाजार के एक छोटे से मूवमेंट से लाभ लेते है। यह एक छोटा सा मूवमेंट होता है जो सामान्यतः 5-10 मिनट का ही होता है। दूसरी शब्दो में स्टॉक के कुछ पॉइंट ऊपर या नीचे की दिशा में हुए मूवमेंट का फायदा देनेवाली रणनीति स्केल्पिंग कहलाती है।
जब आप छोटे से मूवमेंट में कारोबार करते हैं तो बहुत ज़्यादा सम्भावना फायदे के साथ नुकसान की भी रहती है इसलिए इस रणनीति को अपनाते समय बहुत अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
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