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RBI ने लगाया घोषणाओं का छक्का, EMI चुकाने का मिलेगा एक्स्ट्रा मौका

कोरोना की वजह से लगातार हो रहे आर्थव्यवस्था के नुकसान को देखते हुए RBI ने तय समय 3 अप्रैल 2020 से पूर्व ही अपने मासिक मोनेटरी पालिसी में बदलाव की घोषणा कर दी

कोरोना से उत्पन्न स्थिति पर संज्ञान लेते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ( RBI ) के गवर्नेनर शक्तिकांत दास ने आज समय से पूर्व घोषणाओं की झड़ी लगा दी, या अगर क्रिकेट की भाषा में कहें तो RBI ने कोरोना से आम आदमी को लड़ने के उद्देश्य में बैंकों को शामिल करते हुए घोषणाओं का छक्का जड़ दिया है| उम्मीद है कि RBI के द्वारा किए गए इन घोषणाओं से अर्थव्यवस्था में तेज़ी लौटेगी और लोगों को राहत मिलेगी|

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज अपनी घोषणाओं में ये 6 बदलाव किएं:

  1. रेपो रेट में परिवर्तन
  2. रिवर्स रेपो रेट में परिवर्तन
  3. बैंकों से आगामी तीन माह के लिए EMI न लेने की सलाह
  4. EMI न चुकाने पर क्रेडिट हिस्ट्री पर नकारात्मक असर नहीं
  5. कैश रिवर्स रेश्यो (CRR) को 4% से घटाकर 3% किया गया
  6. लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) की नीलामी

रेपो रेट में में अब तक की सबसे बड़ी कटौती

ज्ञात हो कि रेपो रेट वह दर होता है, जिस दर पर RBI कमर्शियल बैंकों को लोन प्रदान करता है| आज RBI ने अपने रेपो रेट को 5.15% से घटाकर 4.40% कर दिया| इसका मतलब है कि बैंक आपको सस्ते में लोन दे सकते हैं, आपके लोन को सस्ता कर सकते हैं|

रिवर्स रेपो रेट में 0.90 पॉइंट्स की कटौती

रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस व्याज दर पर कमर्शियल बैंक्स RBI में अपना धन जमा करवाते है| रिवर्स रेपो रेट के कम होने का तात्पर्य है कि अब बैंक RBI के पास अपने पैसे जमा करवाने के बजाए मार्केट में जारी करेंगे, जिससे लोन सस्ता और आसान होगा| ज्ञात हो कि RBI ने आज अपने रिवर्स रेपो रेट को 4.90 से घटाकर 4% कर दिया|

RBI ने बैंकों को EMI पर दी सलाह

हालांकि rbi ने EMI, क्रेडिट कार्ड आदि के बारे में बैंकों को छूट देने का निर्देश तो नहीं दिया है, मगर अपने सलाह में कहा है कि बैंक्स कोशिश करें कि वे अपने ग्राहकों को आगामी तीन महीने के EMI भुगतान से छूट प्रदान करें| ज्ञात हो कि RBI की सलाह आज्ञा के समान होते हैं, इसलिए उम्मीद है कि बैंक्स RBI कि इस सलाह पर अमल करें| मगर ऐसा करने से बैंकों के खातों पर बहुत खराब प्रभाव पड़ेगा|

बैंक EMI भुगतान देरी पर क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होगी ख़राब

आज RBI ने टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियम लागू किया, अर्थात आप अगर अपने EMI का भुगतान आगामी तीन महीने में नहीं कर पाते हैं तो इससे आपके बैंकिंग क्रेडिट हिस्ट्री पर कोई फरक नहीं पड़ेगा| हालांकि उसके उपरांत भी आपको अपने EMI का भुगतान करना पड़ेगा ही|

कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में हुई 100 पॉइंट्स की कमी

CRR वह कैश रेश्यो होता है जो कमर्शियल बैंकों को अपने पूंजी के हिस्से में से RBI के पास गिरवी रखना अनिवार्य है| आज RBI ने CRR में 100 पॉइंट्स की कमी करते हुए 4% से घटाकर 3% कर दिया, अर्थात बैंकों के पास अब ज्यादा मात्र में कैश रिज़र्व होगा, जिससे मार्केट में सस्ता और आसान लोन उपलब्ध होगा|

LTRO के कम होने से बैंक उठा सकते हैं फायदा

RBI ने घोषणा की है कि कमर्शियल बैंक वर्तमान के घटे हुए रेपो रेट के दर से लंबे समय के लिए लोन ले सकते हैं, इसे ही लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) कहा जाता है| इस सुविधा का लाभ उठा कर कमर्शियल बैंक सस्ता लोन ले और दे सकते हैं| अर्थात इसका प्रभाव लंबे समय तक पड़ेगा|

ज्ञात हो कि कोरोना की वजह से लगातार हो रहे आर्थव्यवस्था के नुकसान को देखते हुए RBI ने ने तय समय 3 अप्रैल 2020 से पूर्व ही अपने मासिक मोनेटरी पालिसी में बदलाव की घोषणा कर दी| इसकी तैयारी के लिए विगत 24 मार्च से कमेटी की बैठक जारी थी|

अजीत सिंह

विगत सात वर्षों से लेखन कार्य में सक्रिय| वाणिज्य से स्नातक व सिविल सेवाओं की तैयारी के उपरांत पूरी तरह से लेखन कार्य में समर्पित| कहानी लेखक के तौर पर कई साहित्यिक समूहों द्वारा सम्मानित| ऑनलाइन ब्लॉग लेखक और राजनीतिक विश्लेषक| वर्तमान में अर्थज्ञानी के लिए आर्थिक लेखन |

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