PMS में निवेश की राशि के साथ ही पोर्टफोलियो मैनेजर की न्यूनतम नेटवर्थ को भी बढ़ा दिया गया है| जो कि पहले 2 करोड़ थी अब मेनेजर की न्यूनतम नेटवर्थ को बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया है|
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) सेबी द्वारा रजिस्टर है जो कि इन्वेस्टमेंट की सेवा प्रदान करती है|इसके अंतर्गत ग्राहकों को इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और फंड एडमिनिस्ट्रेशन जैसी सेवाएं प्राप्त होती हैं| PMS में निवेश राशि कम से कम 25 लाख थी लेकिन सेबी ने इसमें निवेश की राशि बढ़ा को दिया है| सभी निवेशक अपनी संपत्ति को बढ़ाने के लिए पीएमएस की सेवाएं लेते हैं|
हालहि में, सेबी ने यह निर्णय लिया है कि अब पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) में न्यूनतम निवेश की राशि 50 लाख रुपये है, जो कि पहले 25 लाख रूपये थी| साथ ही पोर्टफोलियो मैनेजर्स को 36 महीने के अंदर नेटवर्थ में हुई वृद्धि के आधार पर कार्य करना होगा|सेबी ने राइट्स इश्यू की प्रक्रिया पूरी करने पर समय घटाने का भी फैसला लिया है|अब कंपनी को 55 दिन के बजाय 31 दिनों में सभी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा|
सूत्रों के अनुसार, शेयर बाजार नियामक ने पोर्टफोलियो मैनेजर की न्यूनतम नेटवर्थ को भी बढ़ा दिया है| पहले न्यूनतम नेटवर्थ 2 करोड़ थी जिसे बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया है| शेयर बाजार नियामक ने यह भी कहा है कि PMS के पोर्टफोलियो मैनेजर्स अपने कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के 25 फीसदी से ज्यादा गैर-सूचीबद्ध सिक्योरिटी में निवेश नहीं कर सकते. पोर्टफोलियो मैनेजर वैसे भी एक करोड़ रुपये से कम निवेश का विकल्प नहीं देते हैं| हांलाकि मैनेजर निवेशकों की जरूरत के हिसाब से फंड का आयोजन करते हैं|
विदित हो, वर्ष 2014 के मई महीने में पीएमएस प्रोडक्ट्स लगभग 48,000 करोड़ रुपये के एसेट का प्रबंधन करती थी| वहीं चालू वर्ष में जून माह के अंत तक यह रकम बढ़कर 1.41 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है| हालांकि, PMS अभी भी म्यूचुअल फंड इन्केवेस्मेंट के 26 लाख करोड़ रुपये के एयूएम से पीछे है| लेकिन पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस की ग्रोथ काफी तेज से हो रही है| पिछले कुछ सालों में देशभर में कई पोर्टफोलियो मैनेजर्स बाजार में काम कर रहे हैं|
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस शुरू वक्त इन जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए| निवेशकों को पीएमएस एग्रीमेंट कराने पर निवेश कॉन्ट्रेक्ट पर पोर्टफोलियो मैनेजर और ग्राहक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है|यह कॉन्ट्रेक्ट (पीएमएस एग्रीमेंट) शुरू करने से कम से कम दो दिन पहले डिस्क्लोजर डॉक्यूमेंट लेना भी जरुरी है| इसमें मैनेजर के प्रदर्शन, फाइनेंशियल और फीस आदि के बारे में जानकारी दी जाती है| इसके साथ ही इसमें जोखिम और ट्रांजेक्शन किनके बीच होगा, सभी जानकारी शामिल होती है|इस तरह से निवेशक जानकारी प्राप्त कर आसानी से निवेश कर सकते हैं|
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