कुछ निवेशक लगातार मार्ज़िन ट्रेडिंग का इस्तेमाल करते हैं जिससे कई बार फ़ायदा और कई बार नुकसान ज़्यादा उठाते हैं।
शेयर मार्केट में निवेशक को ब्रोकर की तरफ़ से उनके अकाउंट में मार्ज़िन दी जाती है। जिसको सरल शब्दों में आप ये समझ सकते हैं कि निवेशक को उसके ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकर की तरफ़ से कुछ अमाउंट उधार दिए जाते हैं, जिससे निवेशक ज़्यादा सेक्युरिटीज़ ख़रीद सकता है। आमतौर कई निवेशक अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे कम होने पर भी ज़्यादा सेक्युरिटीज़ ख़रीदना चाहते हैं, तब मार्ज़िन ट्रेडिंग का इस्तेमाल करते हैं। कुछ निवेशक लगातार margin trading का इस्तेमाल करते हैं जिससे कई बार फ़ायदा और कई बार नुकसान ज़्यादा उठाते हैं।
मार्ज़िन ट्रेडिंग में आप ज़्यादा लाभ की उम्मीद पर अपनी क्षमता से ज़्यादा पैसा लगाते हैं। जबकि अगर आपको कोई नुकसान होता है, तो ब्रोकर पहले अपने पैसे बचाएगा उसके बाद ही आपका लाभ आपको देगा।
मार्ज़िन ट्रेडिंग सभी तरह के निवेशक के लिए वैध है। मार्ज़िन ट्रेडिंग SEBI रजिस्टर्ड है, अर्थात मार्ज़िन ट्रेडिंग SEBI की नीतियों के तहत आता है, इसलिए इसे सट्टेबाज़ी या जुआ नहीं कहा जा सकता है।
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