शेयर बाज़ार में ट्रेंड क्या है, बहुत ज़रूरी है समझना

इसका उपयोग शेयर बाज़ार के हर क्षेत्र मसलन प्रतिभूति बाज़ार, कमोडिटी बाज़ार, फ़ॉरेक्स मार्केट, और फ्यूचर मार्केट सभी जगह होता है।

शेयर बाज़ार में ट्रेंड किसी इंडेक्स या शेयर की दिशा को दर्शाता है। इसका उपयोग शेयर बाज़ार के हर क्षेत्र मसलन प्रतिभूति बाज़ार, कमोडिटी बाज़ार, फ़ॉरेक्स मार्केट, और फ्यूचर मार्केट सभी जगह होता है। इसके माध्यम से आप पता लगा सकते हैं कि कोई स्टॉक प्राइस किस तरफ मूव करने वाली है। ट्रेडर इसके आधार पर ही अपना ट्रेड लेते हैं। मार्केट के ट्रेंड के साथ चलकर इंट्राडे ही नहीं बल्कि लंबी, मध्यम या अल्पकालिक अवधि में भी चाल (share market trend) का लाभ उठाया जाता है।

ट्रेंड रणनीति का अनुसरण करने वाले ट्रेडर हमेशा ट्रेंड के साथ चलते हैं और मार्केट के ऊपर या नीचे जाने का अनुमान लगाने में समय व्यर्थ नहीं करते। ट्रेंड रणनीति के साथ चलने वाले ट्रेडर, जब तक उस दिशा में ट्रेंड बना होता है तब तक ही उसमें ट्रेड करते हैं और जैसे ही उन्हें लगता है कि ट्रेंड थमने लगा है या रुकावट दिख रही है तो वो मुनाफा बुक करके एग्जिट कर लेते हैं। इसके बाद अगर उन्हें लगता है कि यहां से ट्रेंड विपरीत दिशा पकड़ रहा है तो उसे ठीक से सेट होने देते हैं फिर ट्रेंड के उस तरफ मुड़ते ही उसमे ट्रेड शुरू कर देते हैं। इसमें हड़बड़ी किये बिना वे केवल ट्रेंड के कन्फर्मेशन का इंतज़ार करते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड में एंट्री और एग्जिट करते रहते हैं और कुशल रणनीति वाले ट्रेडर ट्रेंड को फॉलो कर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं।

ट्रेंड भी कई तरह से चलते हैं या कई प्रकार के होते हैं

टेक्निकल एनालिसिस अर्थात तकनीकि विश्लेषण के आधार पर

  1. ट्रेंड या बुलिश ट्रेंड – जब कोई शेयर या सूचकांक तेज़ वॉल्यूम के साथ बढ़ रहा हो और अपने पिछले उच्च स्तर को क्रॉस कर जाये और रुझान तेज़ी की तरफ ही बना हो यानि बाइंग (ख़रीद) साइड हो।
  2. डाउन ट्रेंड या बियरीश ट्रेंड – जब मार्केट तेज़ वॉल्यूम के साथ अपने पिछले स्तर से भी नीचे गिर रहा हो और रुझान नीचे की तरफ यानि सेलिंग (बिक्री) साइड में हो।
  3. साइडवाइज़ ट्रेंड- इसमें शेयर न ज़्यादा बढ़ रहा होता है और न ही ज़्यादा घट रहा होता है। मांग और पूर्ति इसमें परस्पर सामंजस्य में दिखती है। कहा जा सकता है इसे किसी एक दिशा की तलाश होती है।

अवधि के आधार पर

  1. लॉन्ग टर्म ट्रेंड – जब किसी शेयर या स्टॉक का एक साल से भी अधिक एक ही ट्रेंड बना रह जाये।
  2. मीडियम टर्म ट्रेंड- जब किसी शेयर या स्टॉक का एक साल कम लेकिन तीन महीने से अधिक एक ही ट्रेंड बना रह जाये।
  3. शॉर्ट टर्म ट्रेंड – जब किसी शेयर या स्टॉक का तीन महीने से कम समय के लिए एक ही ट्रेंड बना रह जाये।
कीर्ति प्रकाश

किसी भी विषय पर लेखन के माध्यम से प्रतिक्रिया देना बचपन से रुचि रही। कविता कहानी आलेख के छोटे छोटे मोड़ से गुज़रती हुई मेरी क़लम ने आख़िर वर्ष 2010 में लेखन को व्यावसायिक रूप से अपना लिया। पहला मौक़ा आकाशवाणी दिल्ली और मुंबई (प्रसार भारती- भारत सरकार) के लिए लिखने को मिला। मेरे लेखन का सफ़र लगभग हर माध्यम से गुज़रता रहा है मसलन पत्र -पत्रिका, टीवी , फिल्म और वेबसाइट। मैं अपने हिंदुस्तान की सबसे प्रिय भाषा हिंदी के साथ जीवन से जुडी किसी भी विषय पर लिखने की क्षमताओं के साथ, वर्तमान में आर्थिक और वित्तीय विषयों पर लेखन कार्य कर रही हूँ।

Recent Posts

आधार-पैन कार्ड लिंकिंग के लिए न हों परेशान! अपनाएं ये 3 तरीके आसान

भारत में जितने लोगों के पास पैन कार्ड है, उसमें से 50% लोगों ने भी… Read More

2 months ago

30 सितंबर तक मौजूदा विदेश व्यापार नीति को यथावत रखने का निर्णय

मौजूदा विदेश व्यापार नीति 31 मार्च 2020 को समाप्त होने वाली थी परन्तु कोरोना संकट… Read More

2 months ago

Share Market News: मिलाजुला कारोबार, निफ्टी में फायदा-सेंसेक्स में नुकसान

भारत सरकार ने कल 1.7 लाख करोड़ रूपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था,… Read More

2 months ago

राहत पैकेज के समर्थन में रिज़र्व बैंक ने रेपो दर में की कटौती

रिज़र्व बैंक ने मौद्रिक नीति की तीन दिवसीय समिति की बैठक में रेपो दर में… Read More

2 months ago

Moody’s ने भारत के विकास दर को घटाकर आधे से भी कम किया

रेटिंग एजेंसी Moody’s द्वारा जारी  ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21’ में आगामी वर्ष में भारत सहित… Read More

2 months ago

लॉकडाउन में राहत की साँस, सैलरी समय पर मिलेगी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों से आग्रह किया है कि एंप्लॉयीज को… Read More

2 months ago