Gramin Bhandaran Yojana – ग्रामीण भंडारण योजना
इस योजना के तहत किसामों और किसान समूहों को सब्सिडी प्रदान की जाती है
Gramin Bhandaran Yojana – ग्रामीण भंडारण योजना: हम अक्सर देखते हैं कि किसी फसल की कमी से बाज़ार में उसका मूल्य आसमान छूने लगता है तो कभी-कभी स्थिति ऐसी भी हो जाती है कि उस फसल की उपज इतनी अधिक हो जाती है कि उसका मूल्य जमीन पर आ जाता है| ताज़ा उधारण हम प्याज के रूप में ले सकते हैं, जो 6 महीने पूर्व बाढ़ से फसल खराब होने की वजह से दाम बढ़ते-बढ़ते 200 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी, फिर जब फसल की अच्छी आवक हुई तो यह 20 रूपए के स्तर पर आ गई|
Gramin Bhandaran Yojana – ग्रामीण भंडारण योजना क्या है?
ऐसा क्या किया जाए जिससे कोई फसल साल भर संतुलित मूल्य पर मिलें और किसानों का भी अधिक नुकसान न हो? ऐसे ही परिस्थिति का सामना और समाधान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने साल 2001-02 में एक योजना प्रारंभ की है, जिसे ग्रामीण भंडारण योजना (gramin bhandaran yojana) के नाम से जाना जाता है| चूंकि इसका संचालन नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) के द्वारा संचालित किया जाता है इसलिए इस योजना को NABARD Warehouse Scheme और Rural Godown Scheme के नाम से भी जाना जाता है|
ग्रामीण भंडारण योजना (Gramin Bhandaran Yojana) के उद्देश्य:
- इस योजना को इस उद्देश्य से शुरू किया गया है कि किसान अपनी सुविधानुसार अपनी फसल बेंचे, न कि किसी मज़बूरी में औने-पौने भाव में बेंचने को मजबूर हो|
- ग्रामीण भंडारण योजना के तहत किसानों को स्वयं के फसलों के भंडारण करने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से लोन प्रदान किया जाता है, जिसपर किसानों को सरकार की तरफ सब्सिडी भी प्राप्त होती है|
- यह लोन बहुत ही आसान शर्तों के तहत प्रदान किया जाता है, जिसका पुनर्भुगतान 11 वर्षों में किया जा सकता है| इस योजना का लाभ किसान स्वयम का गोदाम बना कर या सामूहिक गोडाउन बना कर भी उठा सकते हैं|
ग्रामीण भंडारण योजना के पात्र:
ग्रामीण भंडारण योजना का लाभ लेने का पात्र कोई व्यक्ति, किसान / किसानों के समूह / उत्पादकों के समूह, साझेदारी / स्वाधिकारी फर्म्स, NGOs, स्वयं सहायता समूह, कंपनियां और निगम, सहकारी संस्थाएं, नगरपालिका से इत्तर स्थानीय निकाय, ग्रामीण महासंघ, कृषि उत्पाद विपणन समितियां (NPMCs), पूरे देश में विपणन बोर्ड और कृषि प्रसंस्करण निगम सहित सभी ग्रामीण क्षेत्र हो सकते हैं|
ग्रामीण भंडारण योजना सब्सिडी के नियम:
- ग्रामीण भंडारण योजना के तहत सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान करने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं| इस योजना के तहत SC/ST, पहाड़ी और मुश्किल क्षेत्रों में रहने वाले किसानों और उनके समूह को 3 करोड़ तक की 33% सब्सिडी प्रदान की जाती है|
- सभी किसानों, कृषि स्नातकों और सहकारी संगठनों से संबंध परियोजना के लिए सब्सिडी 25% निर्धारित की गई है और इसके तहत ज्यादा से ज्यादा 2.25 करोड़ रूपए प्रदान किए जा सकते हैं|
- किसानो के अतिरिक्त इस योजना में गोदाम निराम करने वाले सभी सभी शेरनी के व्यक्तियों, कंपनियों और निगमों को 1.35 करोड़ रूपए तक 15% की सब्सिडी प्रदान की जाती है|
ग्रामीण भंडारण योजना PDF
हम आपको इस किसानों के लिए लाभकारी ग्रामीण भंडारण योजना के नियम और शर्तों सहित समपूर्ण जानकारी के लिए इस योजना संबंधित PDF लिंक प्रदान कर रहे हैं, जिसके माध्यम से आप इससे संबंधित सम्पूर्ण जानकारी से अवगत हो सकते हैं|
ग्रामीण भंडारण योजना (Gramin Bhandaran Yojana) के लिए शर्तें
- ग्रामीण भंडारण योजना के तहत गोडाउन नगर निगम के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत्त नहीं आना चाहिए| अर्थात इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की शर्त निहित है|
- गोदाम की उंचाई 5 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए|
- एक गोदाम की न्यूनतम क्षमता 50 मेट्रिक टनकम और 10 हजार मेट्रिक टन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए|
- इस योजना के तहत सम्पूर्ण लाभ लेने के लिए गोदाम का लाइसेंस लेना अनिवार्य है|
- अगर आपको 1,000 टन से अधिक क्षमता वाला गोदाम स्थापित करना है तो आपको ‘केंद्रीय भंडारण निगम (CWC)’ से अनुमति प्राप्त करनी होगी|
- इस योजना का सम्पूर्ण लाभ लेने के लिए आपको अपने गोदाम को इंजीनियरिंग नियमो के अनुरूप बनान चाहिए| अधिकारियों द्वारा पड़ताल के दौरान इसकी भी जांच की जाती है|