संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना – SGRY in Hindi
इस योजना के तहत 300 ग्रामीण समूहों का उद्धार किया जाना है।
भारत सरकार द्वारा संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (Sampoorna Grameen Rozgar Yojana) गरीबों को अनाज और काम देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत जो भी लोग गरीबी रेखा से निचे आते हैं उन लोगों को सुविधा प्रदान की जायेगी। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत गरीबों को अच्छा रोजगार देने का प्रावधान दिया जाएगा।
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 300 ग्रामीण समूहों का उद्धार किया जाना है। इन गावों के समूहों को आर्थिक, सामजिक और ग्रामीणों के बुनियादी दांचे को मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत हर साल हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में जितने भी गरीबी रेखा से निचे आते हैं उनको 50 लाख टन अन्न मुफ्त में बांटा जाता है।
गरीबी रेखा से निचे वाले लोगों को नौकरियों का प्रावधान
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना की शुरुआत 25 सितंबर 2001 को शुरू की गई थी। इस योजना का उदेश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को रोजगार दिया जाता है। उनकी आय दैनिक या मासिक के रूप में तय की जाती है।
Sampoorna Grameen Rozgar Yojana के तहत जाती, अनुसूचित जाती, जन जाती, अनुसूचित जनजाति और ख़ास तौर पर महिलाओं को जोखिम भरे कामों से हटाना है। ताकि उनका जीवन सुखमय बन सके। इस योजना के तहत बच्चों के माता-पिता का विशेष तौर से ध्यान रखा जाता है। जिसके चलते माँ बाप का साया हमेशा बच्चों पर बना रहे। बच्चों का जीवन खुशहाल बन जाए।
इस योजना के तहत गरीबी रेखा के निचे आने वाले लोगों को ज्यादा और जल्दी काम दिया जाता है। गरीबी रेखा से निचे वाले लोगों के लिए नौकरियों का भी प्रावधान किया जाएगा। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से निचे आने वाले लोगों का जीवन खुशहाल,समर्ध और संपन्न बनाने का लक्ष्य है।
सालाना बांटा जाता है गरीबों को 50 लाख टन अनाज
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में होने वाली राशी का खर्च केंद्र और राज्य सरकार मिलजुल कर करती हैं। इस योजना के तहत गरीब लोगों को अनाज दिया जाता है। इस योजना का सालाना खर्च 10,000 करोड़ रूपये और 50 लाख टन अनाज देना है। इस योजना के तहत गरीब लोगों को काम दिया जाता है। और 5 किलो अनाज और 25 प्रतिशत तक मजदूरी दी जाती है।
Sampoorna Grameen Rozgar Yojana के तहत जो कर्यक्रम चलाये गये हैं। ये कर्यक्रम पंचायती राज संस्थानों से तीन स्तरों पर शुरू किये गए हैं। पंचायतों के द्वारा बनायी गई कामो की योजना को ध्यान में रख कर उनपे काम किया जाता है। उन्ही के अनुसार लोगों को काम दिया जाता है। पंचायतों के अनुसार ही उनकी आय और अनाज के वितरण का निर्णय लिया जाता है। इस योजना के तहत जिला पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत और ग्राम पंचायत को समान संसाधन दिए जाते हैं।